रविवार, 16 नवंबर 2014

कल किसने देखा है !



सुदर्शन रत्नाकर
1
 काजल की रेखा है
जीभर जी लो तुम
कल किसने देखा है  !
2
गुलशन में फूल खिला
चीर अँधेरे  को
तारों से चाँद मिला ।
3
कलियों को खिलने दो
बिछुड़े प्रेमी हैं
दोनों को मिलने दो ।
4
रातें सब काली हैं
सूनी बस्ती में
अपना दिल ख़ाली है ।
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6 टिप्‍पणियां:

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सभी माहिया दिल को छूने वाले.. विशेषकर..

'रातें सब काली हैं
सूनी बस्ती में
अपना दिल ख़ाली है ।'

~सादर
अनिता ललित

ज्योति-कलश ने कहा…

बहुत भावपूर्ण ,सुन्दर माहिया ...हार्दिक बधाई !

Krishna ने कहा…

मनमोहक भावपूर्ण माहिया सुदर्शन जी...बधाई!

Shashi Padha ने कहा…

वाह! भावपूर्ण महिया | बधाई आपको |

सादर,
शशि पाधा

Jyotsana pradeep ने कहा…

sunder v bhaavpurn mahiya ....haardik badhai.

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण माहिया...हार्दिक बधाई |