रविवार, 5 जुलाई 2015

तुम दूर नहीं जाना



1-डॉ आशा पाण्डेय
1

तुम दूर नहीं जाना

माँ की ममता ये

ढूँढे तुमको आना

2

दिल में जब याद उठी

बीते दिन आएँ

ये चाहत जाग उठी

3

जब -जब मन सूना हो

बाँटो नेह रा

बढ़कर जो दूना हो

4

अपनों ने वार किया

जब-जब दर्द उठा

गैंरो ने प्यार किया

5

माँ की  अँगनाई में

पंछी -सा उड़ती

बिटिया पुरवाई में

6

हर मंदिर में घूमें

मन को चैन नही

बस ऊपर से झूमें

7

फूलों से बाग भरा

तितली नाच रही

मन में अनुराग भरा

8

सावन के ये झूले

बिटिया झूल रही

गम सासुर के भूले
9


बतरस में दिन बीता

खुशियाँ भर आईं

दिन भी न रहा रीता
-0-
2-शशि पाधा 
1

दिन छैल छबीला -सा 

बादल देख रहा  

निज रूप सजीला सा |

1

खिड़की पर आती हैं

बूँदें धीमे से

सन्तूर बजाती हैं |

3

बादल की झलक भ

पायल बिजुरी की

रुनझुन- सी छनक गई |

4

अब बरसो भी मेघा

प्यासी धरती का

तन सरसो भी मेघा |

5

बादल अलबेला -सा

धरती को भा

कुछ नया नवेला सा |

6

क्यों ढोल बजाते हो

रिमझिम के सुर में

मल्हारें गाते हो |

7

ना और सताएँगे

प्रीत -पगी बेला

भीगेंगे, गाएँगे |

8

आँचल लहराऊँगी

बूँदें बीनूँगी 

गलहार बनाऊँगी | 

  -0-

7 टिप्‍पणियां:

kashmiri lal chawla ने कहा…

बहुत सुंदर

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

अपनों ने वार किया

जब-जब दर्द उठा

गैंरो ने प्यार किया ।

sach se otpror aapka mahiya bahut achha laga...

खिड़की पर आती हैं

बूँदें धीमे से

सन्तूर बजाती हैं |

sundar prkrti chitran dono ko hardik badhai...

Pushpa mehra ने कहा…

sabhi mahiya bahut sunder hain. asha va shashi ji ko badhai.
pushpa mehra.b

ज्योति-कलश ने कहा…

bahut sundar ,madhur mahiya hain ..donon rachanaakaron ko haardik badhai ..saadar naman !

रमेश गौतम, बरेली ने कहा…

मार्मिक रचना के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं

Anita Manda ने कहा…

आशा जी ,शशि जी भुत सुंदर माहिया बधाई।

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

इतने अच्छे माहिया के लिए आशा जी और शशि जी को बहुत बधाई...|