मंगलवार, 25 अगस्त 2015

नाम लिखूँ तेरा

माहिया
प्रियंका गुप्ता
1
ये बात पुरानी है
जन्मों का रिश्ता है
अब प्रीत निभानी है ।
2
सागर ये गहरा है
कैसे पार करूँ
साँसों पे पहरा है ।
3
नैया ये डूब गई
हार गया हिम्मत
उस पल ही हार हुई ।
4
साँसों की डोरी पर
नाम लिखूँ तेरा
मन -चादर कोरी पर
5
आ जाना यादों में
साथ नहीं छोड़ूँ
कह देना वादों में ।
6
सन्नाटा ये बोले
भेद दिलों के अब
दो नैना भी खोले
7
अब नींद नहीं आती
चाँद सताता है
भेजे ना तू पाती ।

-0-

10 टिप्‍पणियां:

ज्योति-कलश ने कहा…

सुन्दर भावों से भरे बहुत सुन्दर माहिया हैं !

प्रियंका जी को बहुत-बहुत बधाई !

Sudershan Ratnakar ने कहा…

भावपूर्ण माहिया प्रियांकाजी । बधाई

Shashi Padha ने कहा…

प्रियंका जी, हर एक माहिया अपने में एक सुन्दर मधुर भाव लिए | बधाई सुन्दर सृजन के लिए |

शशि पाधा |

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

प्रियंका जी सभी माहिया का सुन्दर सृजन किया है .साँसों की डोरी पर ,नाम लिखूं तेरा ...बहुत अच्छा लगा .हार्दिक बधाई .

Anita Manda ने कहा…

बहुत खूबसूरत

साँसों की डोरी पर
नाम लिखूँ तेरा
मन -चादर कोरी पर

बधाई।

Krishna ने कहा…

सुन्दर भावपूर्ण माहिया....बधाई प्रियंका जी!

rbm ने कहा…

naiya ye doob gayi\haar gaya himmat \us pal hi har hui. prernadayak mahiya pryanka ji badhai.
pushpa mehra.

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सभी माहिया बहुत सुंदर, भावपूर्ण!
हार्दिक बधाई प्रियंका जी!

~सादर
अनिता ललित

Manju Gupta ने कहा…

sbhi maarmik lge .

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

Bahut Khub !