सुधा जी की हर रचना एक शब्दचित्र का निर्माण करती है |डॉ. भगवतशरण अग्रवालजी ने अपनी पुस्तक 'हिन्दी कवयित्रियों की काव्य साधना' में सुधा जी के लिए लिखा है कि "वास्तव में अपनी सधी हुई अँगलियों से सुधाजी अक्षर नहीं लिखती, चित्र बनाती चलती हैं | स्वप्निल चित्रों की साकार सृष्टि |" आज सुधाजी की हस्तलिपि को देखकर यह बात समझ आई है | बहुत ही सुन्दर रचना, बहुत ही सुन्दर अक्षरों में | सादर प्रणाम | पूर्वा शर्मा
आदरणीय सुधा जी की ही हस्तलिपि में उनका यह मनोरम और शानदार चोका पढ़ना तो जैसे उस आनंदानुभूति में एक बोनस जैसा लगा...| उनकी लेखनी और उनको सादर नमन...और आपका आभार...!
8 टिप्पणियां:
बहुत ही सुन्दर भावभीना शब्चित्र !!
सादर नमन !!
आदरणीया सुधा दीदी को सादर प्रणाम....गहन अर्थ समेटे हुए दीदी की हस्तलिपि में यह बहुत सुंदर चोका पढ़ने का अवसर मिला यह मेरा सौभाग्य है । सादर ।
यह तो बहुत ही सुन्दर सलोना उपहार है, सुधा जी की रचना वो भी उनकी हस्तलिप में
सादर
मंजु मिश्रा
सुधा जी की हर रचना एक शब्दचित्र का निर्माण करती है |डॉ. भगवतशरण अग्रवालजी ने अपनी पुस्तक 'हिन्दी कवयित्रियों की काव्य साधना' में सुधा जी के लिए लिखा है कि "वास्तव में अपनी सधी हुई अँगलियों से सुधाजी अक्षर नहीं लिखती, चित्र बनाती चलती हैं | स्वप्निल चित्रों की साकार सृष्टि |"
आज सुधाजी की हस्तलिपि को देखकर यह बात समझ आई है | बहुत ही सुन्दर रचना, बहुत ही सुन्दर अक्षरों में |
सादर प्रणाम |
पूर्वा शर्मा
कितना सुंदर शब्द चित्र, एक एक शब्द ने इस चित्र में रंग भर दिए, रेखाएँ खींच दी | हार्दिक बधाई एवं आभार | नमन आपकी लेखनी को |
शशि पाधा
नमन के सिवाय कुछ नहीं कहूँगी।अहोभाग्य हमारा ,जो हम त्रिवेणी से जुड़े हैं...
बेहद सुंदर शब्दचित्र।
सादर प्रणाम
कृष्णा वर्मा
आदरणीय सुधा जी की ही हस्तलिपि में उनका यह मनोरम और शानदार चोका पढ़ना तो जैसे उस आनंदानुभूति में एक बोनस जैसा लगा...|
उनकी लेखनी और उनको सादर नमन...और आपका आभार...!
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