शनिवार, 22 दिसंबर 2018

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रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
रिश्ते हैं सर्द
आँच बनाए रखो
जीवन बचे
गूगल से साभार 
मेहँदी रचे हाथ
नित नया ही रचें ।
2
तन -कस्तूरी
मन- मृग आकुल
हाँफता रहा
अगर तू न मिला
कुछ नहीं हासिल।
3
जुड़े हैं प्राण
सूत्र प्यार तुम्हारा
कच्ची है डोर
हाथ में तुम्हारे हैं
इसके दोनों छोर।
4
काल से परे
होते सब सम्बन्ध
टूटते नहीं
तोड़े कोई जितना
उतने और जुड़ें।
5
तेरी छुअन
भूल न सका तन
रोम-रोम में
घुली तेरी खुशबू
बन गई चन्दन।
6
एकान्त टूटा
मंदिर की सीढ़ियाँ
हुई मुखर,
तेरे चरण चूमें
आनन्द-पगी झूमें।
7
मन-पाटल
झरी हर पाँखुरी
शूल ही बचे।
धूल भरी साँझ है
अब कोई क्या रचे!
-0-

18 टिप्‍पणियां:

Sudershan Ratnakar ने कहा…

बहुत सुंदर ताँका भैया

Satya sharma ने कहा…

बहुत ही सुंदर , भावपूर्ण सृजन भैया जी

Krishna ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत तांका, भाईसाहब बधाई।

Anita Manda ने कहा…

बहुत सुंदर भाव पिरोए हैं

Kamlanikhurpa@gmail.com ने कहा…

पावन हृदय की गहराइयों से निकले मोती माणिक ...
सृजन की बधाई स्वीकारें ।

Dr. Purva Sharma ने कहा…

आपकी लेखनी से सदा ही मनभावन रचनाओं का सृजन होता है .... बहुत ही सुंदर हॄदय को छूने वाले ताँका👌👌

बधाइयाँ 💐

नीलाम्बरा.com ने कहा…

अनुपम सृजन!हार्दिक बधाई।

सहज साहित्य ने कहा…

आप सबका हृदयतल से आभार। आपकी टिप्पणियाँ मेरी शक्ति हैं।
काम्बोज

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

कोमल, सुंदर भाव लिए ताँका! हार्दिक बधाई आदरणीय भैया जी !!!

~सादर
अनिता ललित

Dr. Sushma Gupta ने कहा…

बहुत सुंदर ‌। मन छूते

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

काल से परे
होते सब सम्बन्ध
टूटते नहीं
तोड़े कोई जितना
उतने और जुड़ें।

ekadma sach or gahari baat ki aapne bahut bahut badhai...

Dr.Purnima Rai ने कहा…

वाह!प्रत्येक तांका उत्कृष्ट भावनाओं का जीवंत उदाहरण है।नमन सर !!

सहज साहित्य ने कहा…

आप सबकी टिप्पणियाँ मेरे लिए प्रेरक हैं। हार्दिक आभार।
काम्बोज

ज्योति-कलश ने कहा…

सुन्दर भाव भरे ताँका , हार्दिक बधाई !

सहज साहित्य ने कहा…

हार्दिक आभार

Jyotsana pradeep ने कहा…


बहुत ही भावपूर्ण सृजन भैया जी ... हार्दिक बधाई आपको !!

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बेहद भावपूर्ण ताँका, बधाई भैया.

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

बहुत मनभावन तांका हैं सभी...| मेरी हार्दिक बधाई...|