सोमवार, 1 अप्रैल 2019

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ज्योत्स्ना प्रदीप
1
तेरी चाहत प्यारी
दे दी रे तुझको
उजली आभा सारी ।
2
घेरे तेरा साया
जीवन अँधियारा
रौशन तुझको पाया ।
3
ये साथ हमेशा रे
तेरा नाम जपे
तन का हर रेशा रे ।
4
तू  खुद  उजला राही
तुझसे रौशन है
नभ की नीली स्याही ।
5
ये प्रेम अनोखा है
दिल का भँवर कहे
अंतर्मन सोखा है ।
-0-

10 टिप्‍पणियां:

Sudershan Ratnakar ने कहा…

बहुत सुंदर भावपूर्ण माहिया ज्योत्स्ना जी।बधाई

Satya sharma ने कहा…

बहुत बी सुंदर ,उम्दा माहिया ।
हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत सुंदर भाव सभी माहिया में! हार्दिक बधाई प्रिय सखी ज्योत्स्ना जी!

~सादर
अनिता ललित

Book River Press ने कहा…

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बेनामी ने कहा…

सुंदर भावपूर्ण माहिया ज्योत्सना जी। ढेरों बधाइयाँ।

भावना सक्सैना

Krishna ने कहा…

सुंदर भावपूर्ण माहिया ज्योत्स्ना जी बधाई।

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

ज्योत्सना जी हार्दिक बधाई स्वीकारें इतने सुन्दर भावपूर्ण माहिया के सृजन पर |

पुष्पा मेहरा ने कहा…

सुन्दर चोका - बधाई

पुष्पा मेहरा

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

बहुत प्यारे माहिया हैं सभी...| मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें...|

Jyotsana pradeep ने कहा…


मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार करती हूँl आप सभी साथियों का भी दिल से धन्यवाद !