सोमवार, 2 दिसंबर 2019

893-धूप का स्पर्श


रश्मि शर्मा
1
तुम हो संग
मानस में हमेशा
अकेली कहाँ।
2
नाप सको तो
अथाह प्रेम मेरा
नाप लो तुम ।
3
सुप्त स्मृतियो !
मत खोलना द्वार
आत्मा बंदी है ।
4
सुख-संदेश
लेकर नहीं आता
कोई डाकिया
5
निकल भागे
आत्मा की सुराख़ से
सारे अपने
6
स्मृति -भूमि को
बहुत कठिन है
मुड़के देखना
7
तुम बदन
परछाईं हूँ तेरी
कैसी जुदाई?
8
वादे नाकाम
दहका आसमान
आज की शाम ।
9
खिल उठे हैं
उजड़े दयार में
फूल फिर से
10
बंद नैनों में
जला लिए हमने
यादों के दीप
11
मैं नहीं अब
किसी के भी दिल में
वो अब भी है
12
उसकी याद
आँसू के साथ-साथ
लाए मुस्कान
13
धूप का स्पर्श
बेचैनियाँ सोखता
मन जोड़ता
14
उसे पता था -
मिलने से टूटेगा
सब्र का बाँध
15
ज़ख़्म ताज़ा हैं
सुनी होगी किसी से
वफ़ा की बातें
16
सब गवाँ के
अब इंतज़ार में
बैठा है कोई
17
प्रेम ने कहा
बने रहो हमेशा
जैसे हो वैसे
18
कपड़े नए
है वही दुःख और
वही उदासी
19
फैल ग हैं
मुट्ठी भर ख़ुशियाँ
कोई आया है
20
खिड़की खुली
झाँका लिया जीवन
पढ़ी किताब
21
चितकबरी
लगती है ज़िंदगी
तुम जो नहीं


14 टिप्‍पणियां:

Anita Manda ने कहा…

वाह, ताज़गी व रवानगी लिए हाइकु, बधाई।

शिवजी श्रीवास्तव ने कहा…

प्रेम ने कहा
बने रहो हमेशा
जैसे हो वैसे।
बहुत सुंदर,घनीभूत संवेदनाओं की सहज अभिव्यक्ति के प्रभावी हाइकु।बधाई रश्मि शर्मा जी।

Satya sharma ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन हाइकु , लाजवाब सृजन
हार्दिक बधाई रश्मि जी

dr.surangma yadav ने कहा…

रसविभोर करते हाइकु, वाह!बहुत-बहुत बधाई ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत भावपूर्ण हैं सभी हाइकू ...
स्पष्ट सन्देश है ...

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

वाह ! बहुत प्यारे हाइकु हैं ।
रश्मि जी को बहुत बधाई

मंजूषा मन ने कहा…

बहुत बहुत सुंदर हाइकु रश्मि जी

बधाई

Sudershan Ratnakar ने कहा…

बेहतरीन हाइकु ।बधाई रश्मि जी।

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

भावपूर्ण बढ़िया हाइकु रश्मि जी, आपको बधाई!

Krishna ने कहा…

बहुत सुंदर हाइकु..बधाई रश्मि जी।

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

हार्दिक बधाई रश्मि जी ,सभी हाइकु बहुत उम्दा हैं |

रश्मि शर्मा ने कहा…

आप तो चकित करते हैं भैया। सभी को धन्यवाद, आभार

Vibha Rashmi ने कहा…

रश्मि मनभावन हाईकुओं के लिए बधाई लो ।

Jyotsana pradeep ने कहा…


बहुत सुन्दर हाइकु..हार्दिक बधाई रश्मि जी।