सोमवार, 18 मई 2020

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1-ताँका
1- रश्मि शर्मा
1
छाया; रश्मि शर्मा
समय यह
कठिन है भी तो क्या
फिर बैठूँगी
शिरीष!  एक दिन 
तुम्हारी छाँव-तले
-0-


2-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
धरा किसी की
गगन किसी का
हमने लूटे
ये क्रुद्ध हुए जब
दर्प सभी का टूटा ।
2
बालू की भीत
ठहरा तू मानव
दर्प छोड़ दे
रुष्ट है पूरी सृष्टि
ढहेगा  दो पल में।
3
घर पराया
तूने माना अपना
जीभर लूटा
लगी एक ठोकर
गर्व खर्व हो गया।
-0-
2-सेदोका
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

1
क्या वक़्त आया
हर्षित है विषाणु
पंगु हुआ मानव
चली सवारी
सगे भी दूर भागे
देता न ओई काँधा ।
2
शोषण बढ़ा
कराह उठी  सृष्टि
हो गई वक्र दृष्टि
देर न लगी
शव ढोते नगर
काँपें आठों पहर ।
3
बैठी दुनिया
बारूदी ढेर पर
समझ सिंहासन
लात जो पड़ी
अकड़  मिली धूल
खैर माँगती फिरे।
-0-

11 टिप्‍पणियां:

Sudershan Ratnakar ने कहा…

प्रकृति का दोहन करेंगे तो औंधे मुँह गिरेंगे ही। गिर ही तो रहेॉहैं। वर्तमान स्थिति का बहुत सुंदर वर्णन।ताँका और सेदोका दोनों अत्युत्तम ।बधाई भैया।गगन किसी का—6

रश्मि जी बहुत बढिया ताँका फिर बैठूँगी-शिरीष
आशावाद दृष्टिकोण ।बधाई

kamla nikhurpa ने कहा…

वर्तमान परिवेश को दर्शाती रचनाएँ मन को झकझोर गईं | बधाई आदरणीय काम्बोज भैया , सारगर्भित काव्य सृजन के लिए |

Vibha Rashmi ने कहा…

प्राकृतिक संपदा को मनुष्य ने हमेशा क्षतिग्रस्त किया है । धरती की पीड़ा का हमें कोई अंदाज नहीं । समसामयिक आपदाओं
से हम त्राहिमाम् कर उठे हैं । भावप्रधान सुन्दर ताँका की प्रस्तुति के लिए रश्मि जी व आ. हिमांशु भाई को दिली बधाई ।

dr.surangma yadav ने कहा…

प्रकृति जब क्रुद्ध होती है ,तो मनुष्य को नतमस्तक होना ही पड़ता है ।आज पूरा विश्व निरुपाय होकर उसी स्थिति में खड़ा है ।सुन्दर सृजन के लिए काम्बोज भाई साहब और रश्मि जी को हार्दिक बधाई ।

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

धरा किसी की,गगन किसी का,हमने लूटे...,जैसी करनी,वैसी भरनी! वर्तमान करुण स्थिति का मार्मिक चित्रण,आदरणीय भाई साहब को बधाई।
रश्मि जी की फिर से छाँव तले बैठने की अभिलाषा आशावादी सन्देश लिए, आपकी भी बधाई!

Ramesh Kumar Soni ने कहा…

वर्तमान समय को रेखांकित करती रचनाएँ अच्छी हैं , बधाई , शुभकामनाएं ।

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

रश्मि जी का तांका और भाई काम्बोज जी के सेदोका बहुत ही उत्तम हैं |आप दोनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं |

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

रश्मि जी का ताँका बहुत सुन्दर है, बधाई.
काम्बोज भाई के सभी ताँका और सेदोका बहुत भावपूर्ण हैं, बधाई.

Krishna ने कहा…

भावपूर्ण तांका और सेदोका के लिए रश्मि जी और भाई काम्बोज जी को बहुत-बहुत बधाई।

मंजूषा मन ने कहा…

सुंदर ताँका रश्मि जी

मंजूषा मन ने कहा…

आदरणीय रामेश्वर सर के ताँका और सेदोका अत्यंत भावपूर्ण और अर्थपूर्ण हैं।

हार्दिक बधाई आदरणीय