सोमवार, 8 नवंबर 2021

1002-श्रद्धांजलि

 रश्मि विभा त्रिपाठी

(मेरी दिवंगत अग्रजा सरस्वती  को उसकी 11वीं पुण्यतिथि 7-11-2021 पर श्रद्धांजलिस्वरूप सेदोका)

1

याद तुम्हारी

बन मेरा सम्बल

देती है कल- बल

नहीं एकाकी

मेरे मन- पटल

तुम्हीं बैठी अचल।

2

दूर देश से

सदा भेजती दुआ

जब भी दुखी हुआ

अंतस मेरा

पाए दिव्य सौम्यता

'तूने मुझको छुआ'

3

होता रहा है

तुझ संग संवाद

तेरे जाने के बाद

भूली नहीं मैं

तेरा स्नेह अगाध

सत्य ये निर्विवाद।

4

तू बनी छाया

भले अदृश्यमान

मैं धरूँ तेरा ध्यान

अग्रजा तेरा

नेम से मन- प्राण

करते स्तुति- गान।

5

मेरे कण्ठ में

हे प्रिय सरस्वती

तू ही है विचरती

तेरी प्रतीति

गीतों में उभरती

नव प्राण भरती।

6

अंक- झूले में

तूने सदा झुलाया

मेरा रोना न भाया

हे प्राण- प्रिया

तेरे प्रेम की माया

'दैव' जान न पाया।

7

विरह तेरा

हिय करे व्यथित

आया क्या इसी हित

ये नि:संदेह

नीति अमर्यादित

ओ रे प्रेम- पथिक।

8

तेरी दो आँखें

भले हो गईं बन्द

किन्तु मन निर्बंध

जी भर जीता

यह प्रेम- सम्बन्ध

तू प्राण- रस- छन्द।

9

अग्रजा तू ही

जीवन का आधार

तेरा प्रेम अपार

मुझमें सदा

करे प्राण- संचार

कोटि- कोटि आभार

10

तू सरस्वती

दिव्य कृपा करती

हिय- पीड़ा हरती

तेरी वीणा से

झंकार जो झरती

सप्तस्वर भरती।

11

तू सरस्वती

क्या तभी कहलाती

अलका से आ जाती

आसन्न मेरे

मन- वीणा बजाती

स्मृति में आ लुभाती।

12

मेरी स्मृति में

तू ही रही है जाग

नि:शेष वीतराग

श्वास में गूँजे

तेरा प्रेमिल राग।

मोद मनाता भाग।

13

तुम आ बैठो

जब किसी प्रहर

स्मृति की ड्योढ़ी पर

हो उठती है

मन- वीणा मुखर

गुंजित सप्तस्वर।

-0-

10 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

मेरे सेदोका प्रकाशित कर मुझे प्रोत्साहन देने हेतु आदरणीय सम्पादक जी का हृदय तल से आभार।

सादर 🙏🏻

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

नमन

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

बहुत सुंदर!!

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

बहुत उम्दा । रश्मि जी हार्दिक बधाई।

Krishna ने कहा…

अति सुन्दर!

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बहुत भावपूर्ण श्रधांजलि.

dr.surangma yadav ने कहा…

बहुत सुंदर।

बेनामी ने कहा…

आप सभी आत्मीय जनों का हार्दिक आभार।

सादर 🙏🏻

बेनामी ने कहा…

बहुत सुन्दर सृजन के लिए हार्दिक बधाई ।

बेनामी ने कहा…

विभा रश्मि