मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

1028-ओ मेरे चाँद

 रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'


16 टिप्‍पणियां:

Archana rai ने कहा…

, बहुत सुंदर रचना....

Sonneteer Anima Das ने कहा…

वाह्ह!! वाह्ह्ह!! बहुत ही सुंदर सर....हृदयस्पर्शी सर......... 🌹🌹🌹

Sudershan Ratnakar ने कहा…

भयभीत मन को सम्बल, सांत्वना देता बहुत सुंदर चोका । हार्दिक बधाई।

Krishna ने कहा…

बहुत ही सुंदर चोका...हार्दिक बधाई।

शिवजी श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर,भावपूर्ण चौका।हार्दिक बधाई।

Manju Mishra ने कहा…

दो पल डरे / जब तेरा ये मन / याद मुझे करना .... वाह ! क्या बात है, बहुत ही सुंदर रचना

- मंजु मिश्रा

rameshwar kamboj ने कहा…

आप सभी गुणिजन का हृदय। से आभार

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

डरे हुए मन को आश्वासन ही चाहिए होता है, बहुत सुंदर सृजन आदरणीय, धन्यवाद!

Vibha Rashmi ने कहा…

मन की विभिन्न अवस्थाओं को विश्लेषित करता सुन्दर चोका सृजन । बधाई हिमांशु भाई ।

Dr. Purva Sharma ने कहा…

सुन्दर भावपूर्ण चोका
बधाई आपको

Anita Manda ने कहा…

यह बहुत बहुत सुंदर है

सहज साहित्य ने कहा…

आप सभी का हर्दिक आभार

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

अतिसुन्दर चोका! हार्दिक बधाई आदरणीय भैया जी!

~सादर
अनिता ललित

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

इस सुन्दर चोका के लिए मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

सार्थक सन्देश देती रचना। भावपूर्ण चोका के लिए बधाई।

Vibha Rashmi ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव का चोका । बधाई आदरणीय हिमांशु भाई आ ।