tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post1633449417575011898..comments2024-03-28T16:00:15.561+11:00Comments on त्रिवेणी: सपनों का सागरUnknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-91213036557476463012012-10-26T20:52:28.158+11:002012-10-26T20:52:28.158+11:00आप सब की उत्साहवर्धक टिप्पणियों का आभार...।
इन सबक...आप सब की उत्साहवर्धक टिप्पणियों का आभार...।<br />इन सबका श्रेय मैं आदरणीय काम्बोज जी को देना चाहूँगी, जिनकी निरन्तर प्रेरणा से हर बार एक नई विधा से जुड़ रही हूँ...। <br />प्रियंकाप्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-30725538995801511502012-10-26T10:58:58.363+11:002012-10-26T10:58:58.363+11:00jivan ki dhunp chaanv se sedoka bahut kuch kah gay...jivan ki dhunp chaanv se sedoka bahut kuch kah gaye...hardik badhai...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-48854204726811513532012-10-26T03:05:57.494+11:002012-10-26T03:05:57.494+11:00मन को छू लेने वाली प्रस्तुति ...सभी सेदोका जीवन की...मन को छू लेने वाली प्रस्तुति ...सभी सेदोका जीवन की सच्चाई को प्रभावी ढंग से अभिव्यक्त करते हैं ... <br />प्रियंका जी को बहुत बधाई के साथ .....ज्योत्स्ना शर्मा ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-89698858656594678312012-10-25T19:02:29.875+11:002012-10-25T19:02:29.875+11:00सभी सेदोका अर्थपूर्ण...जिन्दगी के बेहद करीब!!
प्रि...सभी सेदोका अर्थपूर्ण...जिन्दगी के बेहद करीब!!<br />प्रियंका जी को बहुत बहुत बधाई !!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-43812331302727972402012-10-24T12:48:55.600+11:002012-10-24T12:48:55.600+11:00सभी सेदोका बहुत सुंदर हैं पर यह तो मन को छू गए.
जब...सभी सेदोका बहुत सुंदर हैं पर यह तो मन को छू गए.<br />जब भी दर्द<br />हद से गुज़रता<br />रोना चाहता मन<br />रो नहीं पाता<br />ज़माने के डर से<br />सिर्फ़ हँसी सजाता ।<br />जीवन की सच्चाई को बहुत सुन्दरता से उतारा है.<br />परदेस में<br />ठण्डी हवा का झोंका<br />धीरे से लेता आए-<br />यादें पुरानी<br />माँ का नर्म आँचल<br />वही सुनी कहानी ।<br /><br />सच में माँ का नर्म आँचल ठंडा झोंका याद दिला जाता है.<br /><br />जीवन भर<br />रिश्तों की लाश ढोई<br />दर-दर भटकी<br />काँधों पर लादे<br />सपनों का बैताल.<br />मिला नहीं जवाब ।<br /><br />जब भी चाहा<br />साथ कोई न आया<br />अपना या पराया<br />फिर भी सीखा<br />गुलाब सी ज़िन्दगी<br />मुस्करा कर जीना ।<br />दिल की बात लिख डाली आपने हार्दिक बधाई.<br />सादर,<br />अमिता कौंडल amita kaundalnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-21239614266448516462012-10-24T08:12:22.319+11:002012-10-24T08:12:22.319+11:00 ढूँढती फिरे
पनियाली नज़र
बुढ़ापे का सहारा
चिठ्ठी ... ढूँढती फिरे<br />पनियाली नज़र<br />बुढ़ापे का सहारा<br />चिठ्ठी में आए<br />कितना बँटा-बँटा<br />कलेजे का टुकड़ा ।<br />uf najane kitnon ke bhavon ko aapne shabd de diya hai <br /><br />ek se badhke ek ai <br />rachanaRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-43267431868132128962012-10-24T03:11:46.357+11:002012-10-24T03:11:46.357+11:00ढूँढती फिरे
पनियाली नज़र
बुढ़ापे का सहारा
चिठ्ठी...ढूँढती फिरे <br />पनियाली नज़र <br />बुढ़ापे का सहारा<br />चिठ्ठी में आए<br />कितना बँटा-बँटा <br />कलेजे का टुकड़ा ।<br />आपके सभी सेदोका बहुत भावपूर्ण हैं मगर यह बहुत गहरे उतरा।<br />प्रियंका गुप्ता जी बहुत बधाई। <br /> <br />10<br /><br />Krishna Vermanoreply@blogger.com