tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post6137087565855961027..comments2024-03-29T02:11:17.472+11:00Comments on त्रिवेणी: पावस बहुरंगी Unknownnoreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-3042939853428433452013-01-27T22:47:37.710+11:002013-01-27T22:47:37.710+11:00भावो का सुन्दर समायोजन......
भावो का सुन्दर समायोजन......<br /><br />विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-68622688054838285992012-08-03T02:11:32.143+10:002012-08-03T02:11:32.143+10:00बहुत सुन्दर...सावन का बड़ा मनभावन चित्रण है...बधाई...बहुत सुन्दर...सावन का बड़ा मनभावन चित्रण है...बधाई व सुधा जी की इस प्रस्तुति के लिए आप को आभार...।प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-19897149863419703582012-07-29T20:14:22.872+10:002012-07-29T20:14:22.872+10:00अद्भुत रचनाएँ ! गज़ब का सौंदर्य और प्रवाह लिए।
न...अद्भुत रचनाएँ ! गज़ब का सौंदर्य और प्रवाह लिए। <br />नमन डॉ सुधा गुप्ता को।sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-84093564031765290952012-07-29T03:14:00.406+10:002012-07-29T03:14:00.406+10:00सुधा जी की लेखनी को नमन. बहुत उम्दा सृजन, बधाई.सुधा जी की लेखनी को नमन. बहुत उम्दा सृजन, बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-74234285346828730702012-07-28T21:19:58.408+10:002012-07-28T21:19:58.408+10:00वर्षा के एक एक दृश्य की बहुत सजीव ,मोहक और मंत्र म...वर्षा के एक एक दृश्य की बहुत सजीव ,मोहक और मंत्र मुग्ध करती प्रस्तुति है ....सादर नमन दीदी आपको ....बहुत बहुत बधाई ...हार्दिक धन्यवाद ।ज्योत्स्ना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-77053408744338583042012-07-28T15:32:03.802+10:002012-07-28T15:32:03.802+10:00बहुत ही सुन्दर वर्णन। भाई साहिब हक्मे भी चोका के ब...बहुत ही सुन्दर वर्णन। भाई साहिब हक्मे भी चोका के बारे मे कुछ बतायें हाइकु भी आप से ही सीखा है। आप इन विधाओं के लिये सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-4587890001352721492012-07-28T05:36:35.856+10:002012-07-28T05:36:35.856+10:00अति सुन्दर वर्णन....बधाई।
कृष्णा वर्माअति सुन्दर वर्णन....बधाई।<br />कृष्णा वर्माAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-90353476463447296972012-07-28T02:39:38.626+10:002012-07-28T02:39:38.626+10:00बोलती निर्जन दोपहरी और छत पर टहलती हुयी मोरनी ने त...बोलती निर्जन दोपहरी और छत पर टहलती हुयी मोरनी ने तो सचमुच बिना छदाम कौड़ी पावस की छटा को मनोहारी बना दिया ... अत्यन्त सुंदर चित्रण....पढ़ते पढ़ते मानो आँखों के सामने बहुरंगी पावस का चित्र ही सजीव हो उठा....<br />सादर<br />मंजुAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-66429835461266835702012-07-28T01:09:04.630+10:002012-07-28T01:09:04.630+10:00Dr Saraswati says...
सुधाजी , सच आपके शब्द संयोजन...Dr Saraswati says... <br />सुधाजी , सच आपके शब्द संयोजन हमारे लिए एक मील पत्थर की तरह हैं l आपको शत- शत नमन ...बधाई और शुभकामनाएं! कम्बोज भाई और हरदीप जी आपको भी बधाई और बहुत- बहुत धन्यवाद!<br /><br />डॉ सरस्वती माथुरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-26802094859029390062012-07-27T23:59:27.334+10:002012-07-27T23:59:27.334+10:00अद्भुत, सोच भी नही सकता की चोका में इतना सुन्दर वि...अद्भुत, सोच भी नही सकता की चोका में इतना सुन्दर विवरण हो सकता हैसुरेश चौधरी प्रस्तुतिhttps://www.blogger.com/profile/07951442246771676636noreply@blogger.com