tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post6506980154921018415..comments2024-03-28T16:00:15.561+11:00Comments on त्रिवेणी: 1064Unknownnoreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-58700068165395578612022-12-07T16:28:59.612+11:002022-12-07T16:28:59.612+11:00हमारी प्रकृति की ही तरह सुन्दर इन चोका के लिए आदरण...हमारी प्रकृति की ही तरह सुन्दर इन चोका के लिए आदरणीय भीकम जी को बहुत बधाई प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-79262797352822804512022-08-23T13:53:30.912+10:002022-08-23T13:53:30.912+10:00बेहद सुंदर एवं भावपूर्ण रचनाएँ.. प्रकृति की दशा का...बेहद सुंदर एवं भावपूर्ण रचनाएँ.. प्रकृति की दशा का सटीक वर्णन <br />बधाई आदरणीय डॉ. पूर्वा शर्मा https://www.blogger.com/profile/16814906094139778320noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-57309461488283815082022-08-23T13:14:28.723+10:002022-08-23T13:14:28.723+10:00हमेशा की तरह प्रकृति के उपादान के माध्यम से पर्याव...हमेशा की तरह प्रकृति के उपादान के माध्यम से पर्यावरण के प्रदूषित होने के प्रति सचेत करते सुंदर चोका। हार्दिक बधाई भीकम सिंह जी। सुदर्शन रत्नाकर Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-63155413266101239342022-08-22T19:19:38.691+10:002022-08-22T19:19:38.691+10:00हमेशा की तरह मन्त्रमुग्ध कर देने वाली रचनाएँ! पेड़ो...हमेशा की तरह मन्त्रमुग्ध कर देने वाली रचनाएँ! पेड़ों की भाषा और वनों का वंश, विशेषतः सूंदर! आभार आदरणीय।प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-36233375375206971042022-08-22T18:23:47.930+10:002022-08-22T18:23:47.930+10:00प्रकृति के दर्द को समझ छः अपूर्व चोके सृजित हुए ...प्रकृति के दर्द को समझ छः अपूर्व चोके सृजित हुए हैं । प्रतीकों का सुन्दर प्रयोग । मानवेतर की भाषा और दर्द कवि मन सरलता से समझता है । भी कम सिंह जी आपकी उपमाएँ बेमिसाल होती हैं । हार्दिक बधाई आपको । <br />Vibha Rashmihttps://www.blogger.com/profile/07085561289908241333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-87126738824810386802022-08-22T10:38:56.747+10:002022-08-22T10:38:56.747+10:00प्राकृतिक विषयों पर बहुत उत्कृष्ट चोका। ऐसे ही अच्...प्राकृतिक विषयों पर बहुत उत्कृष्ट चोका। ऐसे ही अच्छे चोका लिखते रहिए सर। Gurjar Kapil Bainslahttps://www.blogger.com/profile/12925992878770728766noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-65912222646735527462022-08-21T22:33:04.612+10:002022-08-21T22:33:04.612+10:00अति सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति सर... 🙏🌹मानव शरीर दा...अति सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति सर... 🙏🌹मानव शरीर दानवीय प्रवृत्ति से अब संपूर्ण रूप से ग्रस्त है....💐सर आपका सृजन प्रत्येक पीढ़ी तथा संपूर्ण मानव जाति के लिए एक महान संदेश है 🙏🌹💐Sonneteer Anima Dashttps://www.blogger.com/profile/10477854858493393824noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-25652248297722092662022-08-21T20:15:02.401+10:002022-08-21T20:15:02.401+10:00पेड़ों का मानवीकरण कर उनकी भाषा में पर्यावरण के प्...पेड़ों का मानवीकरण कर उनकी भाषा में पर्यावरण के प्रति एक महत्वपूर्ण उद्बोधन। <br /><br />बहुत ही सुंदर एवं बहुत ही भावपूर्ण चोका।<br />हार्दिक आभार आदरणीय। <br /><br />सादर <br />🙏Anonymousnoreply@blogger.com