tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post8602409041320486476..comments2024-03-28T16:00:15.561+11:00Comments on त्रिवेणी: जीवन था सोना ,Unknownnoreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-8838316072326359272012-12-07T22:05:57.976+11:002012-12-07T22:05:57.976+11:00विविध भावों से परिपूर्ण बहुत सुन्दर माहिया ....
जी...विविध भावों से परिपूर्ण बहुत सुन्दर माहिया ....<br />जीवन था चन्दन-वन<br />ऐसी आग लगी<br />झुलसा है तन औ मन ।.....बेहद प्रभावी ....चन्दन-वन होना सरल तो नहीं ...बहुत बधाई <br />ज्योत्स्ना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-89638623924206280382012-12-07T01:18:52.021+11:002012-12-07T01:18:52.021+11:00जीवन आवर रिश्तों के विभिन्न पहलुओं को छूते हुए ये ...जीवन आवर रिश्तों के विभिन्न पहलुओं को छूते हुए ये माहिया बहुत अच्छे लगे हिमांशु जी | धन्यवाद |शशि पाधाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-25845353059044051932012-12-06T17:35:26.208+11:002012-12-06T17:35:26.208+11:00बहुत सुंदर माहिया पढ़े, दिल सुवासित हो गया ..यह तो ...बहुत सुंदर माहिया पढ़े, दिल सुवासित हो गया ..यह तो मन में गहरे उतर गया .....<br /> "बिन मौत न हम मरते <br />तुमने दे डाले <br />वे घाव नहीं भरते ।"<br />.इन्हें स्वरबद्ध करवाइए मज़ा आ जायेगा .. हिमांशु जी .वाह !<br /><br />एक से बढ़ कर एक माहिया ...आभार !<br /><br />डॉ सरस्वती माथुर <br /><br /> <br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-79316053902286874172012-12-06T13:51:39.628+11:002012-12-06T13:51:39.628+11:00जो मीत हमारे थे
धोखा देने में
दुश्मन भी हारे थे ।
...जो मीत हमारे थे<br />धोखा देने में<br />दुश्मन भी हारे थे ।<br />सभी माहिया बहुत अच्छे हैं, पर यह वाला तो गज़ब है...बधाई...|<br /><br />प्रियंकाप्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-26750072766768923932012-12-06T06:35:13.485+11:002012-12-06T06:35:13.485+11:00 जीवन था चन्दन-वन
ऐसी आग लगी
झुलसा है तन औ मन ।
je... जीवन था चन्दन-वन<br />ऐसी आग लगी<br />झुलसा है तन औ मन ।<br />jeevan aur chandan fir aag kya sunder upmayen hai bahut kuchh kahti hui<br />rachanaमेरा साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09177331730604295287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-29679623022132458512012-12-06T06:32:16.322+11:002012-12-06T06:32:16.322+11:00परिभाषा अपनों की
समझ न पाए थे
पीड़ा हम सपनों की...परिभाषा अपनों की <br />समझ न पाए थे <br />पीड़ा हम सपनों की ।<br /><br />बिन मौत न हम मरते <br />तुमने दे डाले <br />वे घाव नहीं भरते ।<br /> <br />बहुत बढ़िया।<br />यूँ तो एक-एक माहिया बहुत भावपूर्ण है।<br />आभारKrishna Vermanoreply@blogger.com