बुधवार, 23 जुलाई 2014

प्रिय सावन में आना



सरस्वती माथुर
1
प्रिय सावन में आना
मेघा बन करके
 मन नभ पर छा जाना l
2
मन बौराया फिरता
 तेरी यादों से
 मन मेरा जब घिरताl
3
क्या बात लगी मन में
लौट के न आ

  फिर से तुम जीवन में l
-0-

2 टिप्‍पणियां:

  1. सभी माहिया बेहतरीन हैं ; बेहतरीन सृजन के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।

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