माहिया - सुदर्शन रत्नाकर
1
लो सावन आया है
बिन माँगे ही वो
सौग़ातें लाया है ।
2
जब मेघ बरसता है
मन साँवरिया से
मिलने को तरसता है ।
3
बूँदें जब गिरती हैं
प्यास बुझाने को
आकुल हो फिरती हैं
4
सावन तो आया है
मेघ नहीं बरसे
जीवन मुरझाया है ।
5
नभ में मेघा छाए
नाचे मन
हर पल
तुम जो अँगना आए
-0-
सावन पर सुन्दर माहिया ...सादर नमन !
जवाब देंहटाएंb varsha ke man ka pyar bhara bhav ,mahiya ke madhyam se bahut sunder darshaya hai . sudershan ji apko badhai.
जवाब देंहटाएंpushpa mehra.
sundar
जवाब देंहटाएंमनभावन माहिया सावन के
जवाब देंहटाएंसुदर्शन जी बधाई
आदरणीय सुदर्शन जी,
जवाब देंहटाएंभीगा सा सावन है
धरती से पूछो
उसका मनभावन है |
सभी माहिया सुन्दर | बधाई |
शशि पाधा
सुन्दर सावनी माहिया !
जवाब देंहटाएं~सादर
अनिता ललित
bahut sunder mahiya....sadar naman ke saath -saath badhai.
जवाब देंहटाएंसावन तो आया है
जवाब देंहटाएंमेघ नहीं बरसे
जीवन मुरझाया है ।
इस बार का सच है इस माहिया में...बहुत अच्छे माहिया हैं...|
बधाई...|