बुधवार, 22 मार्च 2023

1116- ताँका

 कृष्णा वर्मा

 1

मटकी पर

मटकी धरकर

मटकी जाए

लचके करधनी

जियरा धड़काए।

 2

मानवी हो या

प्रतिमा हो मान की

कौन हो प्रिय

मुक़्त जलधार हो

या हो साक्षात् प्यार।

3

विविध रंग

उगे विधि विधान

लता कुसुम 

कहीं छलका रूप

कहीं सिहरे अंग।

4

चढ़ीं मुँडेर

पीत पुष्प लताएँ

अमवा बौरे

कुहके कोयलिया

मनवा तड़पाए।

5

पात हँसे औ

कली-कली किलकी

गा-गाके गीत

बौरी पौन दीवानी

फूला बाग वसंत।

6

साधु औ संत

मर रही सादगी

आया वसंत

पाती-पाती प्रेम की

भरे जिया तरंग।

7

गुपचुप से

जुगनू बतियाते

तमिस्रा-गाथा

चंदा बिना चकोर

कैसा हुआ विकल।

8

देखा न गया

लगी है बतियाने

ठूँठी डालों से

आके नई कोंपलें

बाँटे हैं नव प्राण।

9

रंग वासंती

छिटक रहा कौन

पुष्प-कली में

सरसा है यौवन

कौन तोड़ता मौन।

10

कौन पाँखुरी

करता सुवासित

हुए दीवाने

भ्रमर रहे झूम

पीकर मकरंद।

11

अवतरण

सिंदूरी सूरज का

मन सपन

बुनता आशाओं के

स्पन्दन से हर्षित।

12

जगता रवि

भोर में ऊषा संग

रहती खड़ी

लेके रक्तिम विभा

साँसाँवली द्वार।

13

बाँटे सूरज 

कुंदनमयी आभा

रास रचाए

थिरक-थिरक के

धरती संग रश्मि।

14

गोधूलि- कण

अंक में समेटके

विचरे शशि

नभ में हौले-हौले

शांत चाँदनी संग।

15

सौम्य चाँदनी

बिखरा कर स्मित

भरे उजाले

ले आसमाँ की टोह

सूनी पड़ी राहों की।

16

भाव के वेग

तट के आगोश में

लिपट रहे

त्ताल ये लहर

नाचे ताल तरंग।

17

बरसा जल

सरसाए सावन

आनन्दोत्सव

अंकुरित हो रहे

धरा -गर्भ से पात ।

10 टिप्‍पणियां:

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सभी ताँका बहुत सुंदर!
अंतिम वाले में अंतिम पँक्ति छूट गई है।

~सादर
अनिता ललित

बेनामी ने कहा…

प्रकृति का मनमोहक चित्रण करते सभी ताँका बहुत सुंदर हैं। हार्दिक बधाई। अंतिम ताँका की अंतिम पंक्ति छूट गई है शायद। सुदर्शन रत्नाकर

बेनामी ने कहा…

सभी ताँका अनेक रंगों को छिटका रहे हैं। हार्दिक बधाई।सविता अग्रवाल”सवि”

Ramesh Kumar Soni ने कहा…

बेहतरीन ताँका-बधाई।
इनमें आपका सुदीर्घ अनुभव एवं परिपक्व संवेदनशीलता के दर्शन होते हैं।

dr.surangma yadav ने कहा…

सभी ताँका बेहद सुन्दर। बधाई आपको।

Archana rai ने कहा…

बेहतरीन ताॅंका....

surbhidagar001@gmail.com ने कहा…

सभी ताँका बहुत सुंदर , बहुत बधाई आपको।

बेनामी ने कहा…

सभी ताँका बहुत सुन्दर।
हार्दिक बधाई आदरणीया दीदी

सादर

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

वाह! एक से बढ़कर एक सुंदर तांका! हार्दिक बधाई कृष्णा जी।

डॉ. पूर्वा शर्मा ने कहा…

सुंदर सृजन
सभी ताँका बढ़िया.. एक से बढ़कर एक
बधाई कृष्णा जी