शुक्रवार, 22 मार्च 2024

1165

 

1-चोका/  कृष्णा वर्मा  

1

लेपा तन पे 

केसर औ गुलाल 

तन पलाश 

मन महुआ फूल 

फगवा धूम 

फिर रंगों की धूल 

मादक हुई 

महुआ औ मंजरी 

गंध समीर 

नाचे- झूमे भँवरे 

मन अधीर 

रंग मचाए शोर 

बहकी चाल 

एक ताल में गूँजा 

गलियों फाग 

भौरे भैरव राग 

गूँजे मंजीरे 

नैन पिचकारियाँ 

भावों के रंग 

आँधी चली गुलाल 

मिटे मन मलाल। 

-0-

2-माहिया/ मंजूषा मन

1

मैं बाट तकूँ तेरी

तुझसे मिलकर ही

हर चाह मिटे मेरी। 

-0-

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर।
    हार्दिक बधाई आदरणीया कृष्णा दीदी और मंजूषा जी को

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. अति सुन्दर। रचनाकार द्वय को बहुत-बहुत बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर भावपूर्ण चोका एवं माहिया !

    ~सादर
    अनिता ललित

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह्ह... अत्यंत सुंदर सृजन 🙏🏻😊😊बधाई आप दोनों को... सादर 🙏🏻

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर माहिया...मंजूषा जी को बहुत बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह! चोका और माहिया बहुत मनभावन. कृष्णा जी एवं मंजूषा जी को बधाई.

    जवाब देंहटाएं