गुरुवार, 8 मार्च 2012

खूब प्यार ही प्यार


1-मुमताज टी-एच खान
1
सूखा या गीला
नीला हरा या पीला
साथ गुलाल
खूब प्यार ही प्यार
बरसे इस होली ।
2
है मानवता
तरस रही आज
खेलूँ मैं कब
गले सबको लगा
खूब प्यार की होली ?

3
पूछा हमने
मन के दर्पण से-
करीब किसे
मन में तूने पाया ?
अक्स आपका आया ।
-0-


2-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
बरसे रंग
गीला घर- आँगन
मन का कोना
भीड़ में भी अकेला
पी रहा सूनापन ।
2
सुबह-शाम
हो सुखों की बारिश
रंग हज़ार
हर्षित हो धरती
नगर और ग्राम ।
-0-

8 टिप्‍पणियां:

  1. मुमताज़ जी और हिमांशु जी, आप दोनों के लिखे तांके बिलकुल होली जैसे रंग बिरंगे हैं.....बधाई सुंदर लेखन के लिए

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  2. होली के रंगों में डूबे सभी तांका बहुत सुंदर हैं आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

    सादर,

    अमिता कौंडल

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  3. Rangon se bhare ye taanka bahut pyare lage ...holi ki shubhkamnayen..

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  4. बहुत प्यारे ताँके हैं...। बहुत बधाई...।

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  5. होली पर बहुत सुंदर ताँके...आपसभी को होली की शुभकामनाएँ!!!

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  6. सभी तांका पर्वानुकूल एवं प्रभावशाली हैं.

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  7. बरसे रंग
    गीला घर- आँगन
    मन का कोना
    भीड़ में भी अकेला
    पी रहा सूनापन ।........ मन के भावों सुन्दर अभिव्यक्ति ...'सूनेपन को पीना' नवीन उदभावना है |

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