गुरुवार, 8 मार्च 2012

मेरी प्रीत का चटख रंग


डॉ0 भावना कुँअर
पहले रंगो
फिर उतार फेंको
भाए न मुझे
छलिया -सी बहार
पल का प्यार ।
समा के रखो तुम
गहराई से
मन के भीतर यूँ
कि टूटे न ये
किसी भी पहरे से
मौसमी प्यार।
भिगोकर जाए यूँ
गहरे तक
मन और तन को,
कड़ी धूप भी
सुखा न पाए प्यार ।
ऐसे चढ़े ये
प्रीत का पक्का रंग
उतरे न जो
चाहे लाखों हों जन्म
महके यूँ ही
जैसे फूलों के रंग।
दुआ करूँ मैं-
तेरी मेरी प्रीत का
चटख रंग
यूँ ही फले औ फूले
मिटा न सकें
दुनिया के ये लोग
बेदर्द बेरहम।
-0-

13 टिप्‍पणियां:

  1. प्यार की गहनता से मन को छूने वाला चोका । भावना जी ने ताँका और चोका में भी वही कौशल प्राप्त किया है, जो हाइकु में । इस चोका को पढ़कर सहृदय का मन प्यार से सराबोर हो जाता है ।

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  2. ऐसे चढ़े ये
    प्रीत का पक्का रंग
    उतरे न जो
    चाहे लाखों हों जन्म
    महके यूँ ही
    जैसे फूलों के रंग।
    -भावना जी के चोका की ये पंक्तियाँ ह्हृदय की मरुभूमि में शीतल जल की तरह हैं । हाइकु और ताँका के साथ चोका में भी आपका कौशल अनुकरणीय है । कविता वही है जो मर्म को छुए । आप इसमें सिद्धहस्त हैं।

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  3. वाह!
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    होली का पर्व आपको मंगलमय हो!
    बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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  4. चटख रंग

    यूँ ही फले औ फूले

    मिटा न सकें

    दुनिया के ये लोग

    बेदर्द बेरहम।

    bahut sunder sabhi chauka bahut sunder hain badhai,
    amita

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  5. भावना जी 'मेरी प्रीत का चटख रंग' चोका पढ़ा । भारतीय परिवेश के प्रेम को छन्द का भी निर्वाह करते हुए आपने सहज भाव से प्रस्तुत किया है । आपकी ये पंक्तियाँ प्रेम की व्यापकता को नया आयाम देती हैं । बहुत बधाई !! हिन्दी जगत में त्रिवेणी का महत्त्वपूर्ण स्थान बनता जा रहा है । सम्पादक द्व्य को भी बधाई !

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  6. डा. भावना जी,
    चोका लिखने में सिद्धहस्त हैं यह हम सबके लिए बहुत गौरव की बात है......भावना जी सृजन -आकाश में नक्षत्र की तरह देदीप्तवान रहें इन्हीं शुभकामनाओं के साथ ......
    डा. रमा द्विवेदी

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  7. Aap sabhi ka bahut-2 aabhar jo aapko rachna pasnd aayi aapka sneh hi mujhe likhne ko prerit karta hai...

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  8. चुनिंदा शब्दों से बनी खुबसूरत तस्वीर - प्रगीत कुँअर

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  9. भाए न मुझे
    छलिया -सी बहार
    पल का प्यार । .......भावनाजी ये पंक्तियाँ तो छू गईं ...भिगो गईं ...कितना कुछ कह गईं | बधाई

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  10. मन को छूने वाला चोका है भावना जी का...बहुत बधाई...।

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