गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

लिखी न जाए


-दिलबाग विर्क 


मेरे देश में
हैं बहुत  अजूबे
करें नमन
लोग पग छूकर 
               धरती यहाँ 
               कहलाती माता
               गुरु का दर्जा
               ईश्वर से ऊपर ।
मान देवता 
पूजते प्रकृति को
कर्म जीवन  
फल देता ईश्वर 
               चाहें दिल से,
               करें रिश्तों की क़द्र
               छोटों से प्यार
               दें बड़ों को आदर 
नहीं बनाते 
पत्थर के मकान
लोग यहाँ पे
बनाते सदा घर 
               न डरें कभी 
                कभी घबराएँ 
               आपदा से भी
               मिलें मुस्कराकर 
लगते मेले
लोग नाचें ख़ुशी में
भाँति-भाँति के
त्योहार यहाँ पर 
               दुःख बटाएँ
               अक्सर दूसरों का
               रहते लोग
               मदद को आतुर 
क्या बताऊँ मैं
विशेषता इसकी
लिखी न जाए
कागज के ऊपर 
                रंग अनेक
                भाषा-बोली अनेक
                फिर भी एक
               चकित विश्व भर
जब डाले नज़र 
                   -0-

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत-बहुत आभार
    यहाँ रचना पाकर अलग-सी खुशी महसूस होती है
    पुन: आभार

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  2. देश की विशेषता बताता यह चोका बहुत खूबसूरत है...बधाई|

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  3. देशभक्ति के रंग में रंगा यह चोका बहुत अच्छा लगा...बधाई...।

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  4. नहीं बनाते
    पत्थर के मकान
    लोग यहाँ पे
    बनाते सदा घर
    सुंदर भारतीय भावों से सजा चोंका
    धन्यवाद
    रचना

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  5. नहीं बनाते
    पत्थर के मकान
    लोग यहाँ पे
    बनाते सदा घर ।.....सुंदर रचना है .....

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  6. हमारे देश की संस्कृति विरासत को वर्णित करती हुई बहुत अच्छी रचना, बधाई.

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  7. बहुत अच्छी रचना।
    कृष्णा वर्मा

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  8. नहीं बनाते
    पत्थर के मकान
    लोग यहाँ पे
    बनाते सदा घर


    बहुत सुंदर चौका है

    बधाई,

    सादर,

    अमिता कौंडल

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