गुरुवार, 20 सितंबर 2012

इबादत प्रेम की (ताँका )


1- हरकीरत हीर
1
ये कतरने
सियाह कपड़ों की
न धागा कोई
बता मैं कैसे सीऊँ ?
बदन ज़खमी है !
2
कैसी आवाज़ें
बदन से रेंगती
ड़ी मेखों सी
पास ही कहीं कोई
टूटी है चूड़ी आज
3
दर्द- किताब
लिखी है ज़िन्दगी ने
भूमिका हूँ मैं
आग की लकीर -सी
हर इक दास्ताँ  की
4
'हीर-राँझा' है
इबादत प्रेम  की
बंदे पढ़ले
मिल जा ,जो
तू दिल में  लिख ले
5
कुँआरे लफ्ज़
कटघरे में खड़े
मौन ठगे- से ...
फिर चीख उठी है
कोख से तू गिरी है  
6
वह नज़्म है
ज़िन्दगी लिखती है
वह गीत है
खुद को जीती भी है
खुद को गाती भी है !
7
नहीं मिलता
कभी बना बनाया
प्यार का रिश्ता
प्यार तराशना है
प्यार उपासना है  ।
8
पिंजरे कभी
उमर नहीं देते
रिश्ते भी नहीं ,
कानून न रिश्तों का
न ही पिंजरों का है  ।
-0-
2-अनिता ललित
1
हो मुबारक़,
जन्मदिन तुझको। ।
मेरी बिटिया
!
मैं जाऊँ वारी- वारी,
लूँ मैं तेरी बलैयाँ !
2
तू मेरा मान,
तू मेरा अभिमान,
प्यारी बिटिया !
जन्मदिन है तेरा। ।
खुशियों की सौगात !
3
मेरे अँगना
तितली- सी चंचल
तेरी बतियाँ
चहके हरदम
भरमाए है मन !
4
मेरे ईश्वर!
मेरी बिटिया को दे,
ये आशीर्वाद
सुख , समृद्धि, शांति
उसके मन बसे!
5
हों पूरे सारे,
अरमान उसके,
जीवन खिले !
स्वप्न सारे उसके
मुस्कानों में महकें !
6
खिलती जाए ,
वो महकती जाए
गुलाबों जैसे !
उसके अस्तित्व में
छलके नूर तेरा !
 -0-

5 टिप्‍पणियां:

  1. हरकीरत 'हीर' जी, सभी तांका दिल को छूने वाले हैं !
    प्यार का रिश्ता
    है दिलों का बंधन
    न कोई नाम !
    क्यूँ चुभी ज़ख़्मी चूड़ी...
    थी जो प्रेम निशानी !

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  2. ज्योत्स्ना शर्मा20 सितंबर 2012 को 9:34 pm बजे

    मन को छू लेने वाले भाव और महक लिये बहुत प्रभावी ताँका हैं ...बहुत बधाई ...शुभ कामनायें..!!

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  3. harkitar ji
    kis kis ke bare me lkhun athah bhav samete hai hai tanka
    वह नज़्म है
    ज़िन्दगी लिखती है
    वह गीत है
    खुद को जीती भी है
    खुद को गाती भी है !
    bahut hi sunder


    anita ji
    betiya aesi hi hoti hai mohak masum
    मेरे अँगना
    तितली- सी चंचल
    तेरी बतियाँ
    चहके हरदम
    भरमाए है मन !
    sunder
    rachana

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  4. हरकीरत ‘हीर’ एवं अनिता ललित- दोनों के ही तांका अच्छे हैं, परन्तु हीर जी को इस ब्लॉग पर तांका के साथ देखकर बहुत अच्छा लगा. तांका के प्रारूप में उनकी नज्मों की आत्मा बहुत प्रभावित करती है. वह तांका को एक नई ऊँचाई देती प्रतीत होती हैं.

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  5. नहीं मिलता
    कभी बना बनाया
    प्यार का रिश्ता
    प्यार तराशना है
    प्यार उपासना है .... बहुत ही सुन्दर भाव.

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