मंगलवार, 13 नवंबर 2012

दीपों की फुलवारी


4- डॉ सरस्वती माथुर
रंग -बिरंगी
दीपों की फुलवारी
छटा निराली
है रंग सतरंगी
रसपगी- सी
मधुरिम दीवाली
अँधेरी रात
अनारी लड़ियों में
लगती न्यारी
फुलझड़ी झरती
चाँदी -फूल- सी
झिलमिल करती
तारों की जाली
नभ पर टँगी हैं
जैसे कंदीलें
अब आएगी लक्ष्मी
ले खुशहाली
चलो  दीप जलाओ  
ज्योति पर्व मनाओ ।
-0-
5-शशि पुरवार
रिश्तों में खास   
विश्वास की मिठास
प्रेम की बाती 
रौशनी की बहार
बाँटें खुशियाँ
हर दिन त्योहार
हीरे से ज्यादा
अनमोल है प्यार
है जमा  पूँजी
रिश्तों की सौगात
साजन संग  
बसाया है संसार
नए बंधन
स्नेहिल उपहार
दिलों की प्रीत
अमूल्य पतवार
मन ,उमंग
शीतलता व्याप्त
पल - पल हो
घर मने दिवाली
हर दिन त्योहार।
-0-
6-मंजु गुप्ता
दीवाली पर 
मन रौशन कर 
खुशी  बिखेरी 
 शुभ मुहूर्त पर 
लक्ष्मी की पूजा 
करते भारतीय 
राम - रावण
युद्ध का इतिहास 
पुराणों में है -
राम ने व्यभिचार 
अनाचार  का 
किया जड़ से नाश 
तम था हारा 
राम  का सत्य -धर्म 
विजयी हुआ 
आदर्शों का उजाला 
राम ने किया 
राम के स्वागत में 
अयोध्या में थे
दीप जगमगाए 
अधर्म पर 
धर्म की जीत हुई 
ज्योति पर्व 
तब से आज तक 
हम सब मनाते .
-0-

6 टिप्‍पणियां:

  1. saraswati ji , manji ji hardik badhai sundar choka hai , dipawali parv ki hardik shubhkamnaye

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  2. सरस्वती जी, शशि जी, मंजु जी बहुत खूबसूरत प्रस्तुति।
    दीपावली की बहुत-२ शुभकामनाएं।

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  3. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति !
    शशि जी, मंजु जी बहुत खूबसूरत चोका।
    दीपावली की बहुत-२ शुभकामनाएं।
    डॉ सरस्वती माथुर

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  4. Deepon ki fulwaari lagi bahut hee pyaari.
    चलो दीप जलाओ
    ज्योति पर्व मनाओ ।...Wah !
    Sangeeta

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  5. सुन्दर प्रस्तुति... आप सभी को हार्दिक बधाई...।

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