ताँका-चोका- सेदोका -माहिया-हाइबन
भावना जी ! जीवन की जटिल गुत्थियों में उलझा मानव मस्तिष्क स्वयं कितना जटिल है - इस प्रश्न से साक्षात्कार कराता आपका यह चोका बेहद खूबसूरत है। आपको हार्दिक बधाई !
बिलकुल सत्य है...मानव मन ऐसा ही गूढ़ है...|बधाई...|प्रियंका
भावना जी ! जीवन की जटिल गुत्थियों में उलझा मानव मस्तिष्क स्वयं कितना जटिल है - इस प्रश्न से साक्षात्कार कराता
जवाब देंहटाएंआपका यह चोका बेहद खूबसूरत है। आपको हार्दिक बधाई !
बिलकुल सत्य है...मानव मन ऐसा ही गूढ़ है...|
जवाब देंहटाएंबधाई...|
प्रियंका