सोमवार, 7 सितंबर 2015

ले प्रेम -भरी गागर



डॉ०भावना कुँअर
1-माहिया
1
जब फूल लगे सोने
नटखट ओस  चली
भर मोती के दोने
2
रातों दिल काँपा था
कोमल कलियों ने
जब डर को भाँपा था ।
3
रजनी  सोने जाए
ये नटखट चन्दा
जा,हर बार जगा
4
रीत गया जब सागर
डोलूँ यहाँ- वहाँ
ले प्रेम -भरी गागर।
5
रह रह मीत पुकारे
भँवरों में नैया
ओझल आज  किनारे
-0-
2- चोका
नटखट तितली ( चोका)

 काश मैं होती
नटखट  तितली
उड़ती जाती
दूर गगन,वन
या उपवन।
रंग -बिरंगे पंख
लहराती यूँ
हवा गुनगुनाती,
कली मुझसे
खूब ही बतियाती,
फूलों से यारी
लगती मुझे प्यारी,
बंधन- मुक्त
मैं जहाँ चाहे जाती,
कोई भी बेड़ी
मुझे न बाँध पाती,
न कोई रिश्ता
छल ही कर पाता,
न रूढ़ियों का
बंधन कस पाता,
शक्की निगाहें
न मर्म ही बेंधती,
कोख में माँ की
यूँ उजाड़ी न जाती,
बेटी है ये तो
जाना पराये घर
सीख न पाती।
न दहेज -आग में
झोंकी ही जाती।
होती न तार-तार
ज्जत से मैं।
पाती न तिरस्कार।
कभी निर्बल,
कभी अबला नारी,
कभी बेचारी
अरे !लड़की ये तो,
ऐसे ओछे से
स्कारों से मैं ना
यूँ नवाजी ही जाती।
-0-

15 टिप्‍पणियां:

  1. titali ke madhyam se nari- jeevan ki vidambnaon ka chitr khinchta, bandhanmukt jeevan jeete hue gatisheel jeevan jeene ki prerana deta choka bahut sunder hai.

    raton dil kanpa tha\komal kaliyon ne jab\dar ko bhanpa tha.bhaya ka bhav darshati panktiyan sach ko khol rahi hain.sunder rachnaon hetu bhawna ji badhai.
    pushpa mehra

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  2. जब फूल लगे सोने
    नटखट ओस चली
    भर मोती के दोने ।

    sbhi mahiya sundr klpnaaon se otprot haen .

    naari ki baat titli ke maadhayam se ki haen . maarmik shabd chitrn

    badhai .

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  3. भावना जी एक से बढ़कर एक माहिया लगे और चोका भी अत्यंत खूबसूरत लगा हार्दिक बधाई |

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  4. मोती के दोने, प्रेम भरी गागर बहुत सुंदर माहिया !
    स्त्री-मन की व्यथा दर्शाता भावपूर्ण चोका !
    हार्दिक बधाई आपको!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  5. भावना जी आपके माहिया बहुत अच्छे लगेविशेष रूप से.जब फूल लगे सोने....बधाई.

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  6. भावना जी बहुत अच्छे लगे माहिया ।और चोका मे कितनी सरलता से तितली के बहाने नारी मन की आकाँक्षा समाज मे उस की स्थिति का वर्णन किया आपने कहने ही क्या ।सुन्दर लगा ।हार्दिक बधाई।

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  7. भावना जी बहुत भाव पूर्ण चोका।
    अति सुंदर माहिया।
    जब फूल लगे सोने
    नटखट ओस चली
    भर मोती के दोने ।

    हार्दिक बधाई।

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  8. बहुत अच्छे माहिया विशेषकर -

    रातों दिल काँपा था
    कोमल कलियों ने
    जब डर को भाँपा था ।

    चोका भी बहुत भावपूर्ण।

    भावना सक्सैना

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  9. बहुत सुन्दर माहिया ...
    मोती के दोने , प्रेम गागर ..अनुपम !
    मर्म स्पर्शी चोका ...सुन्दर प्रस्तुति हेतु बहुत बधाई भावना जी !!

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  10. बहुत सुन्दर माहिया हैं...|
    भावपूर्ण चोका के लिए बहुत बधाई...|

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  11. माहिया और चोका ने मन मोह लिया ...बधाई

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  12. बहुत सुन्दर चोका और बहुत मनमोहक माहिया...बहुत बधाई भावना जी।

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  13. aap sabhi ka bahut bahut aabhar aap tak mere bhaav pahuche...yun hi sneh banaiye rakhiyega...

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  14. जब फूल लगे सोने
    नटखट ओस चली
    भर मोती के दोने ।bahut sundar choka aur mahiya ...in panktiyon ne man moh liya.... prabhu kare aap isi ntarah likhei rahen!

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