शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

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1-डॉ सरस्वती माथुर
1
बच्चों की नींद
सपनों की तितली
पकड़ने को दौड़ी
हवा के संग
मन फूलों की गंध
जीवन में आ फैली ।
2
कागा बोला तो
तुम याद आ ग
चौखट मुँडेर पे
धूप ढली तो
हवा पाज़ेब बोली-
शायद वो आ ग
3
हरसिंगार
अल्लसुबह झर
मन को बुहारता
धूप आती तो
दर्द  को पी कर के
दूर निकल जाता ।
-0-
2- अनिता मंडा
1
हल्दी कुंकुम
रंगे हैं हम-तुम
एक-दूजे के रंग।
कोरा है मन
लिख दिया अर्पण
छूटे न यह रंग।
-0-
3-माहिया
-डाँ सरस्वती माथुर
1
मन में चमके तारे
यादों के पाखी
उड़ते मन के द्वारे ।
2
कब आयेगी पाती
बैठी हूँ साजन
करके दीया बाती
3
सपने ठहरे -ठहरे
ज़ख़्म दिये तूने
हैं बहुत अधिक गहरे।
4
उड़ता मन का पाखी
तेरी यादों की
हाला मैंने चाखी ।
-0-

14 टिप्‍पणियां:

  1. bahut sundar rachanaayen ..
    haardik badhaaii anita ji evam saraswati mathur ji

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  2. उड़ता मन का पाखी
    तेरी यादों की
    हाला मैंने चाखी ।
    bahut khoob
    badhai
    rachana

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  3. बच्चों की नींद
    सपनों की तितली
    पकड़ने को दौड़ी
    हवा के संग
    मन फूलों की गंध
    जीवन में आ फैली ।
    sunder bhav
    rachana

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  4. हल्दी कुंकुम
    रंगे हैं हम-तुम
    एक-दूजे के रंग।
    bahut sunder soch sunder shabd
    rachana

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  5. सुन्दर रचनाएँ! सरस्वती जी, अनिता जी शुभकामनायें!

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  6. बहुत सुंदर रचनाएँ । डाँ सरस्वती जी अनिताजी हार्दिक बधाई।

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  7. सरस्वती जी और अनीता जी सुन्दर रचनाएँ हैं हार्दिक बधाई ।

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  8. Sabhi rachnayen bahut bhavpurn hain meri sabhi ko hardik shubhkamnayen....

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  9. बहुत सुंदर रचनाएँ । डाँ सरस्वती जी अनिताजी हार्दिक बधाई।

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  11. बहुत सुंदर एवं मनमोहक प्रस्तुति !
    हार्दिक बधाई सरस्वती जी एवं अनीता !

    ~सादर
    अनिता ललित

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  12. सभी सेदोका और माहिया बहुत पसंद आए...हार्दिक बधाई...|

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