शनिवार, 18 नवंबर 2017

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मंजूषा मन
1.
तुम्हारा ख़्या
लगे ज्यों नर्म शॉल
भावों की गर्मी,
नेह का उपहार,
बना रहे ये प्यार।
2.
तुम्हारा साथ
सर्दियों में लिहा
नर्म आभास
ओढ़ के इतराऊँ
हृदय से लगाऊँ।

-0-

11 टिप्‍पणियां:

  1. वाह बहुत सुंदर , हार्दिक बधाई मंजूषा जी ।

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  2. बहुत सुन्दर अहसासों के ताँका मन जी । बधाई लें ।

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  4. जीवन में साथी और उसके स्नेह भरे सम्बन्धों का महत्व बताते ताँका सुंदर लगे,बधाई

    पुष्पा मेहरा

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  5. बहुत ही सुंदर .. लाजवाब
    हार्दिक बधाई मंजूषा जी

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  6. बहुत ही सुंदर .. लाजवाब
    हार्दिक बधाई मंजूषा जी

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  7. बहुत ही सुंदर .. लाजवाब
    हार्दिक बधाई मंजूषा जी

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  8. ताँका पसन्द करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत आभार...

    यूँ ही शुभकामनाएं बनाये रखियेगा

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  9. बेहद सुंदर तांका... मंजूषा जी हार्दिक बधाई।

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