मंगलवार, 30 मार्च 2021

965-मेरी कामना

  पूनम सैनी

 

नयी डगर

अनजान स


पुराने
ख़्वा

आरम्भ मिला नया 

कलम वही

बदला है अंदा

मार्गदर्शन

बना रहा सहारा

उम्मीद न

जगायी थी मुझमें

बढ़ा उत्साह

आपने ही सँवारा

लिखना रही

चाहत मेरी सदा

सीखा आपसे 

कलम का अर्थ भी

कलमकार 

क्या उत्तरदायित्व

समझाया है

काव्य का मतलब

साहित्य- ज्ञान

नित नया है मिला

सिखाया भी है

इस राह बढ़ना

बचाया मुझे

पिता- सम आपने

लुटाया स्नेह

असीम मुझ पर

गुरु-शिष्या का

सम्बन्ध ये हमारा

प्रेम,लगाव

यूँ ही रहे सदैव

आशीष मिले

सर्वदा ही आपका

कामना यही मेरी!

(19 मार्च , 2021)

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15 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
    हार्दिक बधाई।

    सादर-
    रश्मि विभा त्रिपाठी 'रिशू'

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  2. बहुत सुंदर...हार्दिक बधाई।

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  3. ्प्रिय बेटी पूनम सैनी के उदात्त भावों को हृदय से नमन । रामेश्वर काम्बोज

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  4. सच्चे गुरु ऐसे ही होते हैं! उनके लिए मन से निकले भाव भी बिल्कुल सच्चे होते हैं! सुंदर चोका के लिए बहुत बधाई पूनम जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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    1. सत्य कहा आपने।बधाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आपका।

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  5. दिल के भावों को शब्दों में पिरो कर अति सुन्दर इन पंक्तियों की रचना करने के लिए बहुत बधाई |

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  6. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई पूनम जी.

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  7. बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति।
    हार्दिक बधाई पूनम जी।

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