रविवार, 7 अगस्त 2022

1058-पवित्र प्रेम

 रश्मि विभा त्रिपाठी


11 टिप्‍पणियां:

  1. कमला निखुरपा7 अगस्त 2022 को 2:32 pm बजे

    सुंदर अभिव्यक्ति

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  2. वाह! वाह्ह्हह्ह्ह्ह! रश्मि जी अति सुंदर... सुंदर अभिव्यक्ति वाह्ह्ह!🌹

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  3. प्रेम-बेल की/खो गई तरुणाई ••••ताँका में बहुत
    ही खूबसूरत भाव, सभी ताँका सुन्दर, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  4. बहुत सुंदर। हार्दिक बधाई। सुदर्शन रत्नाकर

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  5. बहुत सुन्दर ताँका!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  6. रचना को स्थान देने के लिए आदरणीय सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार।

    आदरणीया सुदर्शन दीदी, कमला निखुर्पा जी, अनिमा दास, उपमा जी, अनिता ललित जी, आदरणीय भीकम सिंह जी की टिप्पणी का हृदय तल से आभार।

    सादर

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  7. प्रेम और दुख के भावपूर्ण ताँका सृजन । हार्दिक बधाई रश्मि विभा जी ।

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  8. प्रेम की पतवार/पार पहुँचाए... बहुत सुंदर प्रेम के मर्म को व्यक्त करते सुंदर ताँका।

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