शनिवार, 4 नवंबर 2023

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कृष्णा वर्मा 

1

लिखी कविता 

पीड़ा को मिली धरा 

कोरे पन्नों को 

सोंपा रूह का भार 

नींदें ख़ुशगवार। 

2

लिखी कविता 

बना चंद्रमा मामा 

तारकगण 

हो जैसे ननिहाल 

मुसकानें दोबाल। 

3

बेटी पे लिखो  

लगेंगी लड़कियाँ

बेटियों जैसी 

औ बदल जाएगी 

विचारों की प्रवृति। 

4

एक छलाँग  

शब्दों के सहारे से 

लाँघ लेते हैं 

नदी नाले पहाड़ 

कविता का कमाल। 

5

लिखें कविता 

मिल जाएगी युक्ति  

मकान कैसे

बनाया जाए घर 

प्यार के सामान से।

6

लिखें कविता 

लगेंगे मेघदूत 

काले बादल 

बूँदें शकुंतला के 

ख़्वाबों का महाकाव्य। 

7

लिखी कविता 

तो पिघल जाओगे 

नख से शिख

शब्दों के परिधान

ओढ़ लेंगी पीड़ाएँ।

8

कविता लिखो

अँधियारी रात में 

चौमुखी दीप 

बन राह दिखाए 

बेड़ा पार लगाए। 

 

 

 

 

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8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर ताँका, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  2. सभी ताँका बहुत सुंदर हैं। हार्दिक बधाई। सुदर्शन रत्नाकर

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  3. वाह! अति सुंदर ताँका, बधाई कृष्णा जी।

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  4. वाह! बहुत सुन्दर। हार्दिक बधाई कृष्णा जी।

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  5. सभी ताँका सुन्दर और भावपूर्ण, बधाई कृष्णा जी।

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  6. अतिसुन्दर एवं भावपूर्ण ताँका आदरणीया कृष्णा दीदी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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