सोमवार, 20 अक्टूबर 2025

1219

 

दिनेश चंद्र पाण्डेय

 


1.

सुंदर दीप

घर-घर में जले

जर्रा-जर्रा रौशन

सब अँधेरे

मिट ग जहाँ से

मेरा मन भी मगन

2.

मेले में जब

आया नजर रूप

किसी मतवाली का

तब जाकर

अमावस हुई पूनो

खिली दीवाली आ

3.

ये सज-धज,

दीवाली की रौशनी

किसकी बदौलत,

लहू-स्वेद से,

सींची नींव जिसने

उसकी बदौलत

-0-

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुंदर सृजन 🌹उत्सव की लहर से परिपूर्ण सृजन 🙏

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  2. दीपावली की शुभकामनाएँ एवं सुंदर एवं सामयिक रचना के लिए बधाई

    सादर
    मंजु मिश्रा
    www.manukavya.wordpress.com

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  3. दीपोत्सव की बधाई देते हुए सेदोका अच्छे हैं-शुभकामनाएँ।

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  4. बहुत सुंदर सेदोका,हार्दिक बधाई आपको।

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  5. खूबसूरत सेडोना के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ।सविता अग्रवाल “सवि “

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  6. बहुत सुंदर सामयिक सेदोका। बधाई।सुदर्शन रत्नाकर

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