मंगलवार, 1 मई 2012

हाइगा





18 टिप्‍पणियां:

  1. खुबसूरत रंगबिरंगी प्रस्तुति,आशा से भरी हुई.

    जवाब देंहटाएं
  2. इस मनमोहक प्रस्तुति (हाइगा और चित्र) के लिए डॉ सरस्वती माथुर और डॉ हरदीप कौर संधु को बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर लिखा है और चित्रों ने तो कमाल ही कर दिया है आप दोनों का आभार
    रचना

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत खूबसूरत।
    कृष्णा वर्मा

    जवाब देंहटाएं
  5. डॉ0सरस्वती माथुर2 मई 2012 को 1:15 am बजे

    आप सभी का हाइगा पसंद करने के लिए शुक्रिया ... मेरी पसंद के इन चित्रों पर लिखे मेरे हाइकु को एक नए स्वरुप में डाल कर प्रस्तुत करने के लिए हरदीप जी का बहुत- बहुत आभार !
    डॉ0सरस्वती माथुर

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर हाईगा और चित्र हैं।बधाई.. रेनु चन्द्रा

    जवाब देंहटाएं
  7. ज्योत्स्ना शर्मा2 मई 2012 को 11:15 am बजे

    मन और नयन दोनों को आनन्दित करते बहुत सुन्दर हाइगा.....बहुत बधाई...!

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर रंग बिरंगे हईगा बधाई........
    अमिता कौंडल

    जवाब देंहटाएं
  9. खूबसूरत -भावपूर्ण हाइगा के लिए सरस्वती जी एवं हरदीप जी को बधाई ...
    डा. रमा द्विवेदी

    जवाब देंहटाएं
  10. भावपूर्ण खूबसूरत हाइगा के लिए बधाई........

    जवाब देंहटाएं
  11. श्वेत सुबह तरू के हरे पत्तों से मिलके हरी हो गयी है |--- लाली मेरे लाल की जित देखो तित लाल ,लाली देखन मै गयी मै भी हो गयी लाल |-- कबीर | प्रेम का उदात्त रूप, एकात्मकता का सुन्दर सजीला चित्रण जिसे चित्र व शब्दों का परिधान मै बेहद खुबसूरत आकर दिया है,--सरस्वती जी व डा ० संधू जी ने | ..बधाई..|दोनों प्रस्तुति शब्द व चित्र की लय पर बेजोड़ हैं |

    जवाब देंहटाएं