आप सभी का हाइगा पसंद करने के लिए शुक्रिया ... मेरी पसंद के इन चित्रों पर लिखे मेरे हाइकु को एक नए स्वरुप में डाल कर प्रस्तुत करने के लिए हरदीप जी का बहुत- बहुत आभार ! डॉ0सरस्वती माथुर
श्वेत सुबह तरू के हरे पत्तों से मिलके हरी हो गयी है |--- लाली मेरे लाल की जित देखो तित लाल ,लाली देखन मै गयी मै भी हो गयी लाल |-- कबीर | प्रेम का उदात्त रूप, एकात्मकता का सुन्दर सजीला चित्रण जिसे चित्र व शब्दों का परिधान मै बेहद खुबसूरत आकर दिया है,--सरस्वती जी व डा ० संधू जी ने | ..बधाई..|दोनों प्रस्तुति शब्द व चित्र की लय पर बेजोड़ हैं |
खुबसूरत रंगबिरंगी प्रस्तुति,आशा से भरी हुई.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर हाईगा
जवाब देंहटाएंइस मनमोहक प्रस्तुति (हाइगा और चित्र) के लिए डॉ सरस्वती माथुर और डॉ हरदीप कौर संधु को बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा है और चित्रों ने तो कमाल ही कर दिया है आप दोनों का आभार
जवाब देंहटाएंरचना
लाजवाब...आप दोनों को बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत।
जवाब देंहटाएंकृष्णा वर्मा
बहुत सुंदर...बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...बधाई!
जवाब देंहटाएंआप सभी का हाइगा पसंद करने के लिए शुक्रिया ... मेरी पसंद के इन चित्रों पर लिखे मेरे हाइकु को एक नए स्वरुप में डाल कर प्रस्तुत करने के लिए हरदीप जी का बहुत- बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंडॉ0सरस्वती माथुर
बहुत सुंदर हाईगा....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हाईगा और चित्र हैं।बधाई.. रेनु चन्द्रा
जवाब देंहटाएंमन और नयन दोनों को आनन्दित करते बहुत सुन्दर हाइगा.....बहुत बधाई...!
जवाब देंहटाएंसुंदर रंग बिरंगे हईगा बधाई........
जवाब देंहटाएंअमिता कौंडल
खूबसूरत -भावपूर्ण हाइगा के लिए सरस्वती जी एवं हरदीप जी को बधाई ...
जवाब देंहटाएंडा. रमा द्विवेदी
भावपूर्ण खूबसूरत हाइगा के लिए बधाई........
जवाब देंहटाएंKhubsurat prastuti bahut-2 badhai...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंश्वेत सुबह तरू के हरे पत्तों से मिलके हरी हो गयी है |--- लाली मेरे लाल की जित देखो तित लाल ,लाली देखन मै गयी मै भी हो गयी लाल |-- कबीर | प्रेम का उदात्त रूप, एकात्मकता का सुन्दर सजीला चित्रण जिसे चित्र व शब्दों का परिधान मै बेहद खुबसूरत आकर दिया है,--सरस्वती जी व डा ० संधू जी ने | ..बधाई..|दोनों प्रस्तुति शब्द व चित्र की लय पर बेजोड़ हैं |
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