डॉ अनीता कपूर
1
बिखरें रंग
फूलों से झरे हुए
धूप फागुनी
सजा जमीं आकाश
जग मनभावन ।
2
रेशमी धूप
सपनो के आँगन
हुआ उजाला
साँसों की सरगम
छेड़े सुर सितार ।
3
बसंती रुत
है प्यार बेशुमार
प्रेम चाशनी
छिड़को जीवन की
सूखी वाटिका पर ।
-0-
बहुत खूब.......बहुत ही सुन्दर तांका
जवाब देंहटाएंरेनू चन्द्रा
बहुत सुन्दर ताँका....खिले खिले....बधाई अनीता जी
जवाब देंहटाएंप्रकृति का मनभावन वर्णन करते हुए सुंदर तांका।
जवाब देंहटाएंबसंती रुत
जवाब देंहटाएंहै प्यार बेशुमार
प्रेम चाशनी
छिड़को जीवन की
सूखी वाटिका पर ।
bahut sundar!
सभी ताँका खूबसूरत
जवाब देंहटाएंकृष्णा वर्मा
बसंती रुत
जवाब देंहटाएंहै प्यार बेशुमार
प्रेम चाशनी
छिड़को जीवन की
सूखी वाटिका पर ।
खूबसूरत...