मंगलवार, 26 जून 2012

मन भीगता रहा



रेनु चन्द्रा
     1                   
सावन आया
इन्द्रधनुष छाया
सात रंगों से
रंगीन हुआ नभ
देख हर्षाया मन।
2
मन में छाई
घटा घनघोर- सी
जब बरसी
दु:ख की धरती- सा
मन भीगता रहा ।
-0-

6 टिप्‍पणियां:

  1. ज्योत्स्ना शर्मा26 जून 2012 को 11:19 am बजे

    बहुत सुन्दर ......
    मन में छाई
    घटा घनघोर- सी
    जब बरसी
    दु:ख की धरती- सा
    मन भीगता रहा ।.....मन को छू गया ....!

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  2. तांका के लिए बधाई !डॉ सरस्वती माथुर

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  3. सूंदर भावाभिव्यक्‍ति ! बधाई रेनु चन्द्रा जी !

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