शनिवार, 28 जुलाई 2012

आँसू जब बहते हैं


    रामेश्वर काम्बोज हिमांशु‘ और डॉ हरदीप कौर सन्धु  के  माहिया अनुपमा त्रिपाठी जी के स्वर में सुनने के लिए  क्लिक कीजिए आँसू जब बहते हैं को

डॉ हरदीप कौर सन्धु का माहिया-
शब्दों का  गीत बना
अँखिया राह तकें
तू दिल का मीत बना ।
प्रस्तुति-डॉ हरदीप कौर सन्धु

10 टिप्‍पणियां:

  1. इतने सुन्दर भावपूर्ण माहिया को अनुपमा जी के
    मधुर स्वर ने और भी खूबसूरत बना दिया है
    सुनकर बहुत आन्नद आया।
    आदरणीय हिमांशु जी एवं अनुपमा जी को बहुत बधाई।
    कृष्णा वर्मा

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  2. ज्योत्स्ना शर्मा28 जुलाई 2012 को 9:29 pm बजे

    भाव पूर्ण माहिया ...और उनकी मधुर स्वर में संगीतमय प्रस्तुति ...क्या कहें ..बस सोने पे सुहागा । कलम ,स्वर और प्रस्तुत कर्ता समूह सभी के प्रति हृदय से धन्यवाद....सादर ज्योत्स्ना

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  3. काम्बोज जी की भावपूर्ण लेखनी को अनुपमा जी की आवाज़ में सुनना मन को बहुत भाया. शब्द शब्द में गहरे भाव...आँसू जब बहते हैं कितना दर्द भरा सब कुछ वे कहते हैं''. आप दोनों को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ.

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  4. बहुत सुंदर .... स्वारबद्ध हो और भी सुंदर लग रहे हैं ....

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  5. डॉ सरस्वती माथुर कहती हैं ....

    बहुत सुंदर शब्द संयोजन और उसका सधी सुंदर आवाज में संगीतमय प्रस्तुतिकरण ! माहिया के सुंदर शब्दों को सुंदर आवाज की माला में पिरोया अनुपमा त्रिपाठी जी ने ! बार बार सुनने का मन होता है,बहुत- बहुत बधाई हिमांशु भाई और अनुपमा त्रिपाठी जी और धन्यवाद हरदीप जी-- इस भावपूर्ण माहिया के समायोजन को प्रस्तुत करने के लिए !

    डॉ सरस्वती माथुर

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  6. Ek to maahiya ke shabd dil ko chhu jaane vaale uske upar itni surili aavaaj javaab nahi meri hardik badhai sabhi ko....

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  7. सुन्दर माहिया और जबरदस्त प्रस्तुति अनुपमा जी की मधुर आवाज में मन्त्र मुग्ध कर गई फेस बुक पर भी शेयर कर दिया

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  8. आदरणीय काम्बोज जी के सशक्त और खूबसूरत माहिया को अनुपमा जी ने अपनी सुरीली आवाज़ से और सजा दिया...।
    दोनो को बधाई और आभार..।

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