शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

पूजा न याद रही


रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
बाँधे हैं मन
कुछ पाश हैं ऐसे
जितना चाहो
छूटके तुम जाना
काटे नहीं  कटते ।
2
आँधी के झोंके
कोंपल -सा ये मन
शूलों का  साथ
चुभता दिन -रात
तार-तार है गात ।
3
नन्हा-सा बच्चा
मेरी बाहों में झूला 
मैं  भूला सब-
पूजा न याद रही
नमाज़ें भूल गया ।
4
रात ढली है
चाँद लेता उबासी
ऊँघते त्तारे
प्यार की थपकी दे
लोरी सुनाए हवा ।
5
गहन निशा
सीवान में सन्नाटा
लिपट गई
लुक छिपकरके
तरुओं से चाँदनी ।

-0-

9 टिप्‍पणियां:

  1. नन्हा-सा बच्चा
    मेरी बाहों में झूला
    मैं भूला सब-
    पूजा न याद रही
    नमाज़ें भूल गया ।

    क्या कहूँ ...?
    नमन आपको ...!!

    जवाब देंहटाएं
  2. " नन्हा-सा बच्चा / मेरी बाहों में झूला /मैं भूला सब- / पूजा न याद रही / नमाज़ें भूल गया ।" ताँका मन को छू गया। सभी ताँका बेहतरीन और जीवन के विभिन्न रंगों से जुड़े हैं। काम्बोज जी, आपकी अभिव्यक्ति यूं ही जीवन को आनंद देती रहे - यही कामना है।- सुभाष लखेड़ा

    जवाब देंहटाएं
  3. हिमांशु जी, यथार्थ में मुझ जैसे कितने ही लोग इसी भावना को लिए
    जी रहे होंगे जिसे आपने कितनी खूबसूरती से एक ताँका में कह दिया।
    कमाल का ताँका।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. नन्हा-सा बच्चा
    मेरी बाहों में झूला
    मैं भूला सब-
    पूजा न याद रही
    नमाज़ें भूल गया ।
    हिमांशु जी, यथार्थ में मुझ जैसे कितने ही लोग इसी भावना को लिए
    जी रहे होंगे जिसे आपने कितनी खूबसूरती से एक ताँका में कह दिया।
    कमाल का ताँका।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. ज्योत्स्ना शर्मा19 जनवरी 2013 को 5:44 pm बजे

    बहुत भाव पूर्ण ताँका हैं सभी ...
    नन्हा-सा बच्चा
    मेरी बाहों में झूला
    मैं भूला सब-
    पूजा न याद रही
    नमाज़ें भूल गया ।..निसंदेह बेहद खूबसूरत है|
    सादर नमन वंदन सहित
    ज्योत्स्ना

    जवाब देंहटाएं
  6. रात ढली है
    चाँद लेता उबासी
    ऊँघते त्तारे
    प्यार की थपकी दे
    लोरी सुनाए हवा ।

    jvaab nahi...dil tak utarte bhaav...bahut2 badhai...

    जवाब देंहटाएं
  7. एक से बढ़ कर एक...पर फिर भी...ये बहुत ही अच्छा लगा...
    नन्हा-सा बच्चा
    मेरी बाहों में झूला
    मैं भूला सब-
    पूजा न याद रही
    नमाज़ें भूल गया ।
    एक बच्चे से ज्यादा पवित्र भला और क्या होगा...|
    हार्दिक बधाई स्वीकारें..|

    प्रियंका

    जवाब देंहटाएं
  8. सभी ताँका बहुत भावपूर्ण. बच्चे की मुस्कान से ज्यादा प्यारा और कुछ नहीं होता...

    नन्हा-सा बच्चा
    मेरी बाहों में झूला
    मैं भूला सब-
    पूजा न याद रही
    नमाज़ें भूल गया ।

    बहुत सुन्दर, बधाई और शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  9. "नन्हा-सा बच्चा
    मेरी बाहों में झूला
    मैं भूला सब-
    पूजा न याद रही
    नमाज़ें भूल गया ।"

    आपके पावन भाव और लेखनी को नमन ! अन्य ताँका भी बहुत सुंदर।

    जवाब देंहटाएं