सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

जिन्दगी से जुदाई



डॉ हरदीप कौर सन्धु 

तू लाख चाहे 
तुझसे कभी जुदा
मैं हो जाऊँ यूँ 
ये मुमकिन नहीं  
मैं हुई जुदा
तुम  भी शून्य होगे 
झेलोगे कैसे ?
शून्य को जाने बिना
तू भी है शून्य
दस बन न पाओ
दिल का यह
टिमटिमाता दीया
'गर बुझा तो
तुम्हारे अँधेरों को
कहाँ से फिर
मिलेगी ये रौशनी

कठिन रास्ते
अनजाना सफ़र
अकेले तुम
चल नहीं पाओगे
विलाप जैसी 
छूटी बेजान हँसी
तेरी रूह के
जब पोर-पोर से
झेलोगे कैसे
दुखदायी मौसम ?
जिओगे कैसे
बेरंग हुए पल
बिन रंगों के
होंगी रंगीन नहीं

दर्दीली यादें
जर्जर हुआ जिस्म ।
जोड़ न पाए
लौटाने को कर्ज़
लिया मुझसे
तेरी सांसों ने सदा
चाहकर भी
चुका नहीं पाओगे
तू है वजूद
मैं तेरी परछाईं  
बता दो आज
परछाई से तुम
क्या जुदा हो पाओगे ?
-0-


12 टिप्‍पणियां:

  1. " जोड़ न पाए / लौटाने को कर्ज़ / लिया मुझसे / तेरी सांसों ने सदा / चाहकर भी / चुका नहीं पाओगे " - डॉ हरदीप जी का चोका पढ़कर " दिल को कई कहानियां याद आके रह गयी। " आपको हार्दिक बधाई। एक बेहतरीन चोका !

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  2. बहुत-बहुत खूबसूरत चोका! बहुत भावपूर्ण!
    कल 'चुप की नदी' पढ़ी थी और आज ये... 'ज़िंदगी से जुदाई' ...दोनों दिल को छू गये!
    ~सादर!!!

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  3. एक अच्छी रचना के लिए, धन्यवाद।
    , , , , , , , , , , ,
    http://yuvaam.blogspot.com/2013_01_01_archive.html?m=0

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  4. सच है अपनी परछाई से कौन जुदा हो पाया है. मन की गहराइयों में जैसे उहापोह... बहुत भावपूर्ण, शुभकामनाएँ.

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  5. ज्योत्स्ना शर्मा18 फ़रवरी 2013 को 9:31 pm बजे

    तू है वजूद
    मैं तेरी परछाईं
    बता दो आज
    परछाई से तुम
    क्या जुदा हो पाओगे ?...बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति ...बहुत बधाई !

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  6. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि कि चर्चा कल मंगल वार 19/2/13 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका हार्दिक स्वागत है

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  7. बहुत ही बढ़िया भावपूर्ण रचना। बहुत बधाई।

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  8. uf bhav ki ganga me aapke shabdon ke sath me bhi bahn gai .kitna sunder kaha hai parchhai se koi kahan bhag saka hai
    badhai
    rachana

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  9. तू है वजूद
    मैं तेरी परछाईं
    बता दो आज
    परछाई से तुम
    क्या जुदा हो पाओगे ?
    क्या बात है...!
    बहुत भावप्रवण और खूबसूरत...हार्दिक बधाई...|

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  10. Gahan abhivyakti hai is choka men jo kuch sochne ko mjbur kar deti hai...meri hardik badhai...

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