रविवार, 26 जनवरी 2014

दे ऐसा मंत्र मुझे


1-माहिया
डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
तेरा ना मेरा हो
अपने भारत में
खुशियों का डेरा हो।
2
मैं रोज़ दुआएँ दूँ-
खूब बहार खिले’-
दिन-रैन सदाएँ दूँ।
3
लिख गीत जवानों का
जिनके दम से  है
मौसम मुस्कानों का ।
4
दे ऐसा मंत्र मुझे
महका ,मर्यादित- सा
देना गणतंत्र मुझे ।
-0-
2-ताँका
डॉ सरस्वती माथुर
1
सत्य- अहिंसा
प्रेम सुधा बरसा
मातृभूमि में
लहराया है झंडा
अमन हमें प्यारा l
2
कोशिश करें -
प्यार की सुगंध से
मिलजुल के
देश को महकाए
द्भाही सिखाएँ l

-0-

9 टिप्‍पणियां:

  1. तेरा ना मेरा हो
    अपने भारत में
    खुशियों का डेरा हो।............बहुत सुंदर, ज्योत्सना जी।

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  2. देश को समर्पित सभी माहिया और ताँका बहुत उम्दा है...

    दे ऐसा मंत्र मुझे
    महका ,मर्यादित- सा
    देना गणतंत्र मुझे ।

    ज्योत्स्ना जी और सरस्वती जी को बधाई.
    त्रिवेणी परिवार को गणतंत्र दिवस की बहुत शुभकामनाएँ!

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  3. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!!!
    बहुत सुन्दर भाव संजोए हैं डॉ ज्योत्सना जी एवं डॉ सरस्वती जी ने...सादर बधाई दोनो रचनाकारों को|

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  4. खूबसूरत-सार्थक माहिया और तांका के लिए बहुत बधाई...|

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  5. बहुत आभार भावना जी , 'हिमांशु' भाई जी एवं हरदीप जी | समस्त त्रिवेणी परिवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएँ !

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

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  6. देश के सीमा-प्रहरियों के प्रति कृतज्ञता -भाव है... मर्यादित गणतंत्र का सुन्दर स्वप्न है...देशवासियों के सुख की कामना है....बहुत अच्छे माहिया लिखे हैं ज्योत्स्ना जी ! ... " मैं रोज़ दुआएँ दूँ- / ‘खूब बहार खिले’- / दिन-रैन सदाएँ दूँ।" बहुत-बहुत पसंद आया !

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  7. डॉ. जेन्नी शबनम जी , ऋता शेखर मधु जी , प्रियंका गुप्ता जी ,अश्विनी कुमार विष्णु जी एवं ब्लॉग बुलेटिन के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ |

    सादर !
    ज्योत्स्ना शर्मा

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  8. हार्दिक धन्यवाद ...anil uphar ji

    saadar
    jyotsna sharma

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