रविवार, 16 नवंबर 2014

दर्द -लकीर




डॉभावना कुँअर

1
दिल का दर्द
दिखने नहीं देते
आँसू छिपके पीते,
दर्द -लकीर
मान के तक़दीर
मुट्ठी में भर लेते।
-0-

6 टिप्‍पणियां:

  1. कितना भी चाहें.. दर्द छुपता कहाँ...
    सुन्दर अभिव्यक्ति सेदोका में।

    ~सादर
    अनिता ललित

    जवाब देंहटाएं
  2. मर्मस्पर्शी सेदोका बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!

    जवाब देंहटाएं
  3. मार्मिक अभिव्यक्ति...दिल का दर्द कितनी भी कोशिश करो, कहीं न कहीं छलक ही जाता है...|
    बधाई...|

    जवाब देंहटाएं