मंगलवार, 24 मार्च 2015

यादों की फ़सलें



डॉभगवतशरण अग्रवाल
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अमराई बौराए
यादों की फ़सलें
बैसाखी छलकाए
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9 टिप्‍पणियां:

  1. अमराई बौराए -- सुन्दर

    सादर,
    शशि पाधा

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  2. 'यादों की फसलें' ..बहुत सुन्दर माहिया !

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

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