मंगलवार, 31 मार्च 2015

तू हमको भूले जा



1-सपना मांगलिक

1

दिल को तड़पाती है

आग जुदाई की

इस कदर जलाती है ।

2

डूबे हैं मस्ती में

बैठे वो जबसे

आँखों की कश्ती में ।

3

हर सितम कबूले जा

याद रखेंगे हम

तू हमको भूले जा।

4

चैन  चुराने वाले

माफ़ किया तुझको

रोज़ सताने वाले ।

5

खुद  दीप जलाता हूँ

परवाना हूँ  ना !

यूँ इश्क कमाता हूँ ।

6

पगली इक दीवानी

आज बनी है जो

इन आँखों का पानी ।

7

 दिल को बहला देना

ढूँढ रहा तुझको

 पीड़ा सहला देना ।

-0- 
एफ-659 कमला नगर आगरा-282005                               
ईमेल sapna8manglik@gmail.

7 टिप्‍पणियां:

  1. There is good example for love and pain with hope between two living hearts
    Chawla

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर माहिया ...हार्दिक बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह! सभी माहिया एक से बढ़कर एक!
    हार्दिक बधाई सपना जी !

    ~सादर
    अनिता ललित

    जवाब देंहटाएं
  4. पगली इक दीवानी

    आज बनी है जो

    इन आँखों का पानी ।
    sunder
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  5. भावपूर्ण माहिया हैं सभी...बहुत बधाई...|

    जवाब देंहटाएं