गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

तेरा- मेरा ये नाता


सपना मांगलिक
1
फूल नकली
कागज के तुम्हारे
हैं असली से अच्छे,
प्रेम तुम्हारा
सारे जग से प्यारा
भाव हैं कोरे -सच्चे
2
कहो कह दूँ
क्या ठीक है कहना
जो बात है दिल में,
बेताब हूँ मैं
तुमसे सुनने को
अब कह भी दो न !
3
लम्हा- लम्हा तू
के है दिल में
अब कह भी दे क्यों ,
कई जन्मों का
तेरा- मेरा ये नाता
फिर ये पूछता क्यों ?
4
भूल गए न
तुम आज भी देखो
क्या मैं याद दिलाऊँ?
याद मुझे है-
हूँ  भूला नहीं कुछ
जरा पास तो आऊँ
5
खो गया दिल
किस गली में ढूँढूँ
जरा कोई बताए,
नजरें मिलीं
फिर झुकी जहाँ पे
कोई होगा छुपाए ।
6
शाम -सवेरे
तेरा रस्ता मैं ताकूँ
आजा साजन मेरे ,
आने वाला हूँ
दिल के दिए जला
कर दूर अँधेरे
7
चाहूँ तुमको
या भुला दूँ अब से
ये पूछूँ मैं सबसे,
तेरी चाहत
अहसास ये तेरा
क्यों  पूछे तू सबसे
        -0-                                    
एफ-६५९ कमला नगर आगरा २८२००५
 ईमेल sapna8manglik@gmail.



7 टिप्‍पणियां:

  1. सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर!
    सपना जी शुभकामनायें …

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  2. सभी सेदोका सुंदर -पहला वाला सबसे अच्छा लगा !
    हार्दिक बधाई सपना जी !

    ~सादर
    अनिता ललित

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  3. बहुत सुन्दर भावपूर्ण सेदोका ..
    बहुत-बहुत बधाई सपना जी !

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  4. बहुत अच्छे सेदोका हैं...| बधाई सपना जी...|

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