शनिवार, 2 मई 2015

मीत पथ के



1-डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
खूब खिलना
महक ,मुस्कुराना
कोई न डर
कटेगी काली रात
कब होगी सहर ?
2
गुड़िया घर
बना ख़ुद मिटाया
क्या सुख पाया ?
देकर छीन लिया
फिर कैसे मुस्काया ?
3
दर्द ही बाँटे
अबूझ  है पहेली
प्रीत सहेली
अक्सर ये रुलाए
क्यों दिल को है भाए ?
4
सोए वक़्त ने
करवट बदली
फिर सो गया
तड़पती ज़िंदगी
सुख-चैन खो गया।
5
अनोखी रीत
किसने लिख डाले
काली चादर
इतने सारे गीत
ज्यों जलते हों दीप ।
6
मिले ही क्यों थे?
मीत मुझे राहों में
ख़्वाबों से आते
बिन दो बोल कहे
क्यों मौन चले जाते ?
7
बहुत प्यारा
संसार हमारा है
मान भी लो न
महकाया जिसने
वो प्यार तुम्हारा है ।
8
मेरी सुन लो
कहो कुछ अपनी
मन छलता
रह जाना यूँ मौन
तुम्हारा है खलता ।
9
राहों में काँटे
कि हों फूल ,चलना
थाम के दिल
उठते हैं क़दम
मिले तभी मंज़िल ।
10
मीत पथ के
मौन संग चलना
देता है पीड़ा
ऐसे बीच हमारे
अबोले का पलना ।
11
आज आपसे
कहनी हैं दो बातें-
भला या बुरा
कुछ तो कह जाते
सब ,प्यारी सौग़ातें ।
-0-
2 शशि पाधा
1
जाने, ना माने
अविवेकी मनुज
बाँधे नदिया
नष्ट वन -सम्पदा
द्वार खड़ी आपदा ।
2
धरती डोली
समंदर उछला
पर्वत काँपे
रूठ गई प्रकृति
हा! बदली नियति।
3
अब कहूँगी
जो नहीं कहा कभी
क्यों न समझे
सिहरन की भाषा
कम्पन परिभाषा ।
-0-
3-सुदर्शन रत्नाकर
1

कैसा है यह

ज़लज़ला ,लील लीं

ज़िंदगियाँ  पल में

क्रोधित धरा

ले रही है बदला

अब तो सम्भल जा ।
-0-

9 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद सुन्दर रचनाएँ!
    ज्योत्स्ना जी, शशि जी और सुदर्शन जी को शुभकामनायें!

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  2. samasamyik vishay ko adhar bana kar likhe tanka aur sedoka sunder hain.
    jyotsana ji, shashi va sudershan ji
    ko badhai.
    pushpa mehra.

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  3. सभी रचनाएं बहुत सुन्दर....आप सभी को बहुत बधाई!

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (04-05-2015) को "बेटियों को सुशिक्षित करो" (चर्चा अंक-1965) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
    ---------------

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  5. behad sunder rachnayen....jyotsna ji ,shashi ji tatha sudarshan ji ko shubhkaamnaye.

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  6. Jyotsna ji Shahsi ji ,Sudarshan ji
    aaptino ko sunder rachnaon ke liye badhai
    rachana

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  7. आदरणीया शशि दीदी एवं सुदर्शन दीदी को सुन्दर ,सार्थक प्रस्तुति हेतु बहुत बधाई ..सादर नमन !

    प्रेरक कमेंट्स के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद !

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

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