गुरुवार, 11 जून 2015

चंदा की बिंदी




डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

चंदा की बिंदी
रजनी ने लगाई
सबको भाई ।
चुन-चुन सितारे
कितने सारे !
पवन ने सजाए
वेणी में गूँथीं
मोगरे ने कलियाँ
रात की रानी
सुरभि ले के आई
महक उठीं
नभ-गंगा ,गलियाँ
झूम-झूम के
तरुवर नाचते,
रजनी वधू तेरा
मन बाँचते
झींगुर झींम-झींम
बाँधे पायल ,
किये रात ने फिर
उमंगों भर
सारे साज-सिंगार ,
स्वयं रूप से
रूप ही गया हार
रूपसी वधू
मिलने हौले-हौले
पिया से चली
हो ज्यों नाज़ुक कली
नाजों से पली
पल गिन बिताए
अभिनंदन
उषा गले लगाए
दिन मुस्काए
मिलन बेला आई
तुरत ही विदाई !!
-0-

11 टिप्‍पणियां:

  1. संपादक द्वय के प्रति हृदय से आभारी हूँ |

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह! बहुत ही प्यारा, कोमल भावों से भरा चोका सखी!
    बहुत बधाई आपको!

    ~सादर
    अनिता ललित

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह!ज्योत्स्ना जी| बहुत सुन्दर शब्द बुने हैं आपने इन रचनाओं में | रात के भाल पर चाँद की बिंदी दिल लुभा गई |

    बधाई आपको |

    शशि पाधा

    जवाब देंहटाएं
  4. उषा गले लगाए
    दिन मुस्काए
    मिलन बेला आई
    तुरत ही विदाई !!
    bahut sunder varnan hai bhavon ki gahrayi hai
    badhai
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर रचना!
    ज्योत्स्ना जी शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  6. garmi ke mausam ki jalan ka uttar apani mithi sugandh se deti vartaman prakritik chhaTa ,dharati se akash tak, ki bhavavyakti bahut hisunder hai .jyotsna ji apako badhai.
    pushpa mehra.b

    जवाब देंहटाएं
  7. हार्दिक बधाई सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति है |

    जवाब देंहटाएं
  8. aadaraneey Ramesh Gautam ji , Pushpa di , Amit ji , Rachana ji , Shashi di evam Anita Lalit ji ke prati hruday se aabhaarii hoon .

    saadar
    jyotsna sharma

    जवाब देंहटाएं
  9. चंदा की बिंदी
    रजनी ने लगाई
    सबको भाई ।

    Bahut sundar...bahut bahut badhai...

    जवाब देंहटाएं
  10. चंदा की बिंदी
    रजनी ने लगाई
    सबको भाई bahut khoob jyotsna ji!...sadar naman ke saath -saath badhai aapko .

    जवाब देंहटाएं