मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

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अनिता ललित

1

अनिता ललित
कल फूल यहाँ होंगे

अश्कों से सींचा

हम याद कहाँ होंगे !

2

 तुम बिन मर जाएँगे

साँसें भी अपनी 

अर्पित कर जाएँगे

3

पीड़ा दिल की भेदी  

जीते जी इसने

क्यों मौत हमें  दे दी ?

4

झूठे तेरे वादे

साथ निभाने के

बदले आज इरादे।

5

इक दर्द बसाया है

आँखों मैं मैंने

यूँ तुमको पाया है।

6

आँसू- सा छलकाया

छीन लिया मुझसे

क्यों पलकों का साया?

7

आँसू पी डाले थे

ज़ख़्म मिले तुमसे

लफ़्ज़ों में ढाले थे।
-0-

14 टिप्‍पणियां:

  1. वाह अनिता जी दर्द की अनुभूति लिए सुंदर माहिया। बधाई

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  2. दिल को गहरे स्पर्श करते माहिया सखी !
    बहुत बधाई !!

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  3. मन को सालते दर्द की भाव पूर्ण अभिव्यक्ति अनिता जी बधाई|

    पुष्पा मेहरा

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  4. बहुत सुंदर भावपूर्ण माहियाँ ।बधाई अनिताजी।

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  5. सुन्दर माहिया दिल के दर्द को बयाँ करते मन को भिगोते ।बधाई अनिता जी।

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  6. आप सभी का हार्दिक आभार ! यूँ ही उत्साह बढ़ाते रहिये !

    ~सादर
    अनिता ललित

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  7. बहुत सुंदर भावपूर्ण माहियाँ ।बधाई अनिताजी।

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  8. दर्द की अनुभूति को दर्शाते खूबसूरत माहिया अनीता जी बधाई हो ।

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  9. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति अनिताजी।

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  10. सम्वेदनात्मक और सुन्दर माहिया के लिए बहुत बधाई...| ख़ास तौर से ये वाला बहुत भाया-
    झूठे तेरे वादे
    साथ निभाने के
    बदले आज इरादे।

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