बुधवार, 22 जून 2016

713



ज्योत्स्ना प्रदीप 

श्रद्धा से भीगा 
तुलसी का दालान
वो  भोर  प्यारी ,
तितलियों की क्यारी ,
गौरैया-भरा 
प्यारा रौशनदान ।
माँ ने  बोले जो  
वे राम रक्षा स्तोत्र 
व्रत त्योहार  
पिता  के अग्निहोत्र 
सब धुँधले ! 
हींग छुँकी चूल्हे  की   
सोंधी सी  दाल
कहाँ गए वो स्वाद
दीदी का स्नेह   
भाइयों के वे नेह    
रंग- रंगोली 
मौसीजी  का आँगन 
वो चाची  भोली  !
रँभाती श्यामा  गाय 
दादाजी के  वे 
आयुर्वैदिक- उपाय  
नीम- निम्बोली  
कट्टी  व मेल 
रस्सी कूद के खेल 
सखी का साथ 
जुगनू  भरे हाथ 
कहाँ  बसे हैं ?
पलकों में छुपे  हैं  !
जब  भी गम 
दिल में जमते हैं 
मीठी धूप- से   
ये पल छा जाते हैं ।
ग़म पिघलाते  हैं !   
-0-

ज्योत्स्ना प्रदीप 
1
अनुलोम- विलोम करें 
अपनी  उलझन  का 
लो मिलकर होम करें
2
मन से कुछ योग करें 
 राग न द्वेष रहे 
 मन  को नीरोग करें ।
3
मन प्यारा, तन प्यारा 
योगासन में है 
सदियों से हर  तारा
4
ये श्वासों की  माया  
 मन भी उजला है 
कुंदन -सी हो काया
5
ये योग निराले हैं 
रस छलकाते  ज्यों 
ये मधु  के प्याले हैं
6
शिव की ये लीला है
मन का करुणा से 
हर कोना गीला है
7
ये श्वासों की क्रीड़ा 
हरती  तन  - मन की 
जीवन की हर पीड़ा
-0-
 

17 टिप्‍पणियां:

  1. वाह ज्योत्स्ना जी अद्भुत रचनाएँ। बधाई

    जवाब देंहटाएं

  2. ज्योत्सनाजी

    दोनों ही रचनाएँ सुंदर हैं बधाई

    पुष्पा मेहरा

    जवाब देंहटाएं
  3. ज्योत्स्ना प्रदीप जी आपके द्वारा रचित चौका और माहिया बढ़िया सृजन है योग पर आधारित सभी माहिया उत्तम हैं ।हार्दिक बधाई स्वीकारें ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर माहिया व चौका । बधाई ज्योत्स्ना प्रदीप जी ।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर माहिया व चौका । बधाई ज्योत्स्ना प्रदीप जी ।

    जवाब देंहटाएं
  6. सभी लजवाब रचनाएं , चौका ने बचपन महका दिया , अब कहाँ ऐसा बचपन .
    बधाई

    जवाब देंहटाएं
  7. दोनों ही सुन्दर रचनाएँ बधाई 👏

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत उम्दा रचनाएं मन को छू गईं....ज्योत्स्ना प्रदीप जी बहुत बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर दिल को छूने वाली अभिव्यक्ति ज्योत्सना जी

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर दिल को छूने वाली अभिव्यक्ति ज्योत्सना जी

    जवाब देंहटाएं
  11. ज्योत्सना प्रदीप जी चौका और योग पर आधारित माहिया कमाल के बन पड़े है ।हार्दिक बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  12. मोहक प्रस्तुति ज्योत्स्ना जी !
    योग का जीवन से मिलान बहुत ही सुंदर बन पड़ा है !
    हार्दिक बधाई आपको!

    ~सादर
    अनिता ललित

    जवाब देंहटाएं
  13. आपकी ये सराहना इस मन को एक अनूठी उर्जा प्रदान करती है ... हृदय से आभारी हूँ आप सभी की ! ! !

    जवाब देंहटाएं
  14. beete palon ko kitanii sundarataa se saakaar kiyaa jyotsna ji ...bahut aabhaar !

    yog ki upaadeyataa par madhur , mohak maahiyaa ... gazzzab hain !!

    haardik badhaaii ...bahut shubhkaamanaayen aapako !!

    जवाब देंहटाएं
  15. ज्योत्सना जी बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी।
    हार्दिक बधाई!

    जवाब देंहटाएं