शनिवार, 27 अगस्त 2016

726



1-कृष्णा वर्मा
1
खुशियाँ बेताज हँसी
चंद खिलौनों का
बचपन मोहताज नहीं।
2
ना गीत- ग़ज़ल सोहे
अब तो आठ पहर
प्राणों में सुधि रोए।
3
लड़ने से कब जीता
दोनों हार गए
इक बिखरा इक टूटा।
4
जब से अपना छूटा
बाहर-परत वही
भीतर-भीतर टूटा।
5
माँ छोड़ न तू डोरी
बचपन ज़िंदा रख
ना मरने दे लोरी।
-0-
2- धरा का आलिंगन
डॉ.पूर्णिमा राय
1
बरसे बदरा
छमाछम झंकार
प्रमुदित भू
पत्तों के आँचल पे
दिखें बूँदें मोती- सी !!
2
श्वेत उज्ज्व
हुआ नभ आँगन
बरसात में
छलक पड़ा घड़ा
याद कोहराम से !!
3
गहरे छिपे
अंतस की बात में
हुए प्रत्यक्ष
वर्षा की सौगात से
हो मधुर मिलन !!
4
सूनी बगिया
सजी हरीतिमा से
नाचे डालियाँ
सकुचाई लजाई
जैसे नवयौवना !!
5
मिला गगन
धरा का आंलिगन
भरा जल से
जब बादल बरसे
तृप्त हुई आत्माएँ !!
-0-

23 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. कृष्णा वर्मा जी के भावप्रणव माहिया बहुत मृदुल हैं । बधाई कृष्णा जी । प्रकृति की सर्गिक सुन्दरता के सुन्दर सदोका 'धरा का आँगन ' के लिए बहुत बधाई पूर्णिमा जी । माहिया ,सदोका दोनों भाए ।

    जवाब देंहटाएं
  4. कृष्णा वर्मा जी के भावप्रणव माहिया बहुत मृदुल हैं । बधाई कृष्णा जी । प्रकृति की सर्गिक सुन्दरता के सुन्दर सदोका 'धरा का आँगन ' के लिए बहुत बधाई पूर्णिमा जी । माहिया ,सदोका दोनों भाए ।

    जवाब देंहटाएं
  5. माँ छोड़ न तू डोरी
    बचपन ज़िंदा रख
    ना मरने दे लोरी।

    बेहद सुंदर माहिया..कृष्णा वर्मा जी

    जवाब देंहटाएं
  6. माँ छोड़ न तू डोरी
    बचपन ज़िंदा रख
    ना मरने दे लोरी।

    बेहद सुंदर माहिया..कृष्णा वर्मा जी

    जवाब देंहटाएं
  7. लड़ने से कब जीता
    दोनों हार गए
    इक बिखरा इक टूटा।

    कृष्णा वर्मा जी बहुत सुंदर माहिया

    जवाब देंहटाएं
  8. पूर्णिमा जी बहुत सुंदर सृजन हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  9. कृष्णाजी बहुत सुंदर माहिया।

    पूर्णिमाजी प्राकृतिक छटा बिखेरते बहुत सुंदर ताँका
    आप दोनों को हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  10. सुंदर भावपूर्ण माहिया एवं ख़ूबसूरत प्राकृतिक छटा बिखेरते ताँका!
    आ. कृष्णा दीदी एवं डॉ. पूर्णिमा राय जी को हार्दिक बधाई !!!

    ~सादर
    अनिता ललित

    जवाब देंहटाएं
  11. कृष्णा जी और डॉ पूर्णिमा जी को भावपूर्ण माहिया और ताँका की रचना के लिए बहुत बहुत बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  12. लड़ने से कब जीता
    दोनों हार गए
    इक बिखरा इक टूटा। सुंदर भाव कृष्णा जी हार्दिक बधाई।
    गहरे छिपे
    अंतस की बात में
    हुए प्रत्यक्ष
    वर्षा की सौगात से
    हो मधुर मिलन !!बहुत सुंदर डॉ पूर्णिमा जी हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  13. आभार ....सुनीता जी,सदर्शन रत्नाकर जी,अनिता ललित जी,सविता जी,पूनम जी,कश्मीरी लाल जी

    जवाब देंहटाएं
  14. आभार ....सुनीता जी,सदर्शन रत्नाकर जी,अनिता ललित जी,सविता जी,पूनम जी,कश्मीरी लाल जी

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सुन्दर मोहक ताँका! डा. पूर्णिमा राय जी हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  16. मोहक माहिया और तबीयत खुश कर देने वाले तांका रचना कारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  17. मोहक माहिया और तबीयत खुश कर देने वाले तांका रचना कारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत सुन्दर माहिया और तांका रचनाएँ !
    आ कृष्णा दी एवं डॉ. पूर्णिमा राय जी को बहुत -बहुत बधाई !

    जवाब देंहटाएं


  19. कृष्णा जी और डॉ पूर्णिमा जी को भावपूर्ण माहिया और ताँका की रचना के लिए बहुत -बहुत बधाई ।!!

    जवाब देंहटाएं
  20. कृष्णा जी और पूर्णिमा जी...इतने अच्छे माहिया और तांका के लिए ढेरों बधाई स्वीकारें...|

    जवाब देंहटाएं