रविवार, 17 सितंबर 2017

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1-डॉ.जेन्नी शबनम
1
हाल बेहाल
मन में है मलाल
कैसी ज़िन्दगी?
जहाँ धूप न छाँव
न तो अपना गाँव। 
2
ज़िन्दगी होती
हरसिंगार फूल,
रात खिलती
सुबह झर जाती,
ज़िन्दगी फूल होती। 
3
बोझिल मन
भीड़ भरा जंगल
ज़िन्दगी गुम,
है छटपटाहट
सर्वत्र कोलाहल। 
4
दीवार गूँगी 
भेद सारा जानती,
कैसे सुनाती?
ज़िन्दगी है तमाशा
दीवार जाने भाषा। 
5
कैसी पहेली?
ज़िन्दगी बीत रही
बिना सहेली,
कभी- कभी डरती
ख़ामोशियाँ डरातीं। 
6
चलती रही
उबड-खाबड़ में 
हठी ज़िन्दगी,
ख़ुद में ही उलझी
निराली ये ज़िन्दगी। 
7
फुफकारती
नाग बन डराती
बाधाएँ सभी,
मगर रुकी नहीं,
डरी नहीं, ज़िन्दगी। 
8
थम भी जाओ,
ज़िन्दगी झुँझलाती 
और कितना?
कोई मंज़िल नहीं
फिर सफ़र कैसा?
9
कैसा ये फ़र्ज़ 
निभाती है ज़िन्दगी
साँसों का क़र्ज़,
गुस्साती है ज़िन्दगी 
जाने कैसा है मर्ज़। 
10
चीख़ती रही
बिलबिलाती रही
ज़िन्दगी ख़त्म,
लहू बिखरा पड़ा
बलि पे जश्न मना।
  
-0-

2-विभा रश्मि 
जुगनू तम में  आया 
आशा चमकी फिर 
था  रोशन  हमसाया ।
मन डूबा - उतरा है
आलोड़न में अब
भीगा हर कतरा है ।
3
थक जाना मत राही
साँस तलक चल  तू
मंजिल पा दिलचाही । 
4
मेरा घर सूना है 
आ भर खुशियाँ तू
उजियारा दूना  है ।
5
बातों के घोड़े थे 
दौड़े सरपट वो
सपनों को जोड़े थे ।
6
आखर बहुतेरे हैं 
काग़ज़ तो कोरा 
भावों के  डेरे हैं ।

-0-

14 टिप्‍पणियां:

  1. चलती रही
    उबड-खाबड़ में
    हठी ज़िन्दगी,
    ख़ुद में ही उलझी
    निराली ये ज़िन्दगी।
    जेन्नी जी ज़िन्दगी पर गहन अभिव्यक्ति ।
    सुषमा जी , भावना जी आभार । संपादक द्वय आपका हार्दिक शुक्रिया माहिया को स्थान प्रदान करने के लिये ।

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  2. जेन्नी जी ,कैसी जिन्दगी ? को आप ने हर पहलू से परख लिया ।पर फिर भी लगता उत्तर अधूरा है । जिन्दगी नित नये रंग बदलती है । ... बहुत सुन्दर लगे सभी ताँका ।
    विभा जी आप के माहिया भी भावपूर्ण हैं ।आप दोनों को बधाई ।

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  3. जैन्नी जी बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। भावपूर्ण माहिया विभा जी। आप दोनों को बधाई।

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  4. जेन्नी जी , विभा जी , सुंदर रचनाओं के लिए बधाई |

    सस्नेह,
    शशि

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  5. बहुत सुंदर !! विभा वा जेन्नी जी को बधाई|

    पुष्पा मेहरा

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  6. सुन्दर व गहन अभिव्यक्ति !
    बहुत अच्छा लगा आप दोनों की रचनाएँ पढ़कर ......
    आदरणीय विभा जी तथा जेन्नी जी .. हार्दिक शुभकामनाएँ !!

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  7. जेन्नी शबनम जी ,विभा जी बहुत सुंदर सार्थक सृजन आप दोनों को हार्दिक बधाई ।

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  8. बहुत सुन्दर तांका और माहिया...|
    जेन्नी जी और विभा जी को बहुत बहुत बधाई...|

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  9. जेन्नी जी के ताँका एवं विभा दी के माहिया दोनों भावपूर्ण एवं गहन !
    हार्दिक बधाई आप दोनों को!!!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  10. बहुत सुन्दर तांका और माहिया...
    जेन्नी जी और विभा जी को हार्दिक बधाई !!

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