सोमवार, 31 अगस्त 2020

933-यादें


यादें
मीनू खरे

काले गहरे 
साँसों पे भी पहरे 
है मुलाक़ात 
अब नामुमकिन 
तू ऐसा कर !
ख़्वाब में  के मिल...
याद करके 
सो गई हूँ मैं तुझे
रोज़ की तरह ही!!!

21 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 31 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. छोटा मगर सुंदर, सम्पूर्ण भाव लिए चोका!
    हार्दिक बधाई मीनू जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  3. भावपूर्ण चोका के लिए बधाई स्वीकार करें मीनू जी !
    शुभकामनाएँ

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  4. बहुत खूब ...
    सपनों में आ के मिलना, ख्वाबोब में जागना ...
    क्या बात है ...

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    1. अहा! दिगम्बर नासवा जी से इतने दिनों बाद यहाँ मुलाक़ात होना सुखकर लगा। ब्लॉगिंग के दिन याद आ गये!...

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  5. सम्पादक द्वय सहित आप सभी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आभारी हूँ ।

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  6. वाह-वाह!बहुत सुन्दर!बधाई मीनूजी ।

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  7. भावपूर्ण चोका ।बधाई मीनू जी।

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  8. भावपूर्ण चोका,, गागर में सागर...हार्दिक बधाई मीनू जी।

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  9. सुन्दर सृजन है मीनू जी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं |

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  10. मीनू जी , भावपूर्ण चोका , बधाई आपको

    शशि पाधा

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  11. बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति!
    सुंदर सृजन के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीया!
    सादर!

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