रविवार, 22 जनवरी 2023

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देतीं गरमाहट

                 अनिता ललित


 

मन -आँगन

हो गया सूना -सूना
हुआ उदास
घर का हर कोना
बिटिया गई
अपने घर -द्वारे
छोड़ के पीछे
प्यारी अठखेलियाँ
बीती छुट्टियाँ
घर में रह जाती
यादें ही यादें
कोहरे में घुलती
ओस की बूँदें
फूलों- सी महकतीं

वो प्यारी बातें
गरमाहट देतीं

देतीं संबल

स्नेह से भर देतीं
सर्द दिन को
अनमनी भोर में
अलाव -सी जलतीं।

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13 टिप्‍पणियां:

  1. अहा! अनमनी भोर में अलाव सी जलतीं .....कितनी सूंदर पंक्ति 👌
    बधाई और शुभकामनाएं💐

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  2. याद और तन्हाई के अहसास को शब्दों में पिरोया है। अद्भुत

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  3. बहुत सुन्दर अंक.. हार्दिक बधाई

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  4. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण चोका। हार्दिक बधाई अनिता जी। सुदर्शन रत्नाकर

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  5. बहुत सुंदर भावपूर्ण चोका।हार्दिक बधाई।

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  6. बहुत ही सुन्दर चोका।
    हार्दिक बधाई आदरणीया दीदी 💐🌷🌹

    सादर

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  7. बहुत सुंदर रचना अनिता जी, आपको ढेरों शुभकामनाएँ!!

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  8. अति सुंदर चोका अनिता जी बधाई। सविता अग्रवाल”सवि”

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  9. मेरे चोका को यहाँ स्थान देने हेतु संपादक द्वय का हार्दिक आभार!
    आप सभी सुधीजनों को चोका पसंद आया, इसके लिए आपका हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  10. बहुत खूबसूरत चोका, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  11. बहुत सुंदर भावपूर्ण चोका।हार्दिक बधाई अनिता जी ।

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